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उत्तराखंड: आखिर कब बनेगा राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन

राजाजी टाइगर रिजर्व का गठन हुए भले ही पांच साल का वक्त पूरा हो चुका हो लेकिन अभी तक रिजर्व का फाउंडेशन अस्तित्व में नहीं आ पाया है। वह भी तब जबकि इसका गठन अनिवार्य है लेकिन राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन का मसला फाइलों की धूल फांक रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 03:56 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 03:56 PM (IST)
उत्तराखंड: आखिर कब बनेगा राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन
आखिर कब बनेगा राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में राजाजी टाइगर रिजर्व का गठन हुए भले ही पांच साल का वक्त पूरा हो चुका हो, लेकिन अभी तक रिजर्व का फाउंडेशन अस्तित्व में नहीं आ पाया है। वह भी तब जबकि, इसका गठन अनिवार्य है, लेकिन राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन का मसला फाइलों की धूल फांक रहा है। जाहिर है कि फाउंडेशन के माध्यम से रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण के साथ ही आसपास के गांवों में आजीविका विकास से जुड़ी गतिविधियों का संचालन प्रभावित हो रहा है। लंबे इंतजार के बाद अब इस दिशा में पहल की जा रही है।

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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्येक टाइगर रिजर्व में फाउंडेशन का गठन अनिवार्य है। उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में यह फाउंडेशन अस्तित्व में है, लेकिन 20 अप्रैल 2015 को बने राजाजी टाइगर रिजर्व में अभी तक फाउंडेशन के गठन का इंतजार है। बता दें कि टाइगर रिजर्व में पर्यटन से होने वाली आय को फाउंडेशन के कोष में जमा किया जाता है। इसके बाद फाउंडेशन द्वारा इस राशि से अपने रिजर्व में वन्यजीवों के संरक्षण, वासस्थल विकास से संबंधित काम कराने के साथ ही 20 फीसद राशि का उपयोग रिजर्व से सटे गांवों में गठित ईको विकास समितियों के माध्यम से आजीविका विकास समेत अन्य मदों में खर्च किया जाता है।

फाउंडेशन की इतनी महत्वपूर्ण भूमिका होने के बावजूद राजाजी टाइगर रिजर्व में फाउंडेशन के गठन को लेकर सुस्ती का आलम है। हालांकि, राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन के गठन से संबंधित प्रस्ताव पूर्व में वन मुख्यालय की ओर से शासन को भेजा गया था। इस पर दो दौर की बैठकें भी हुईं। कुछ कमियों को इंगित किया गया था, जिन्हें दूर करा लिया गया था। बावजूद इसके मामला फाइलों में अटका हुआ है। वजह ये कि फाउंडेशन के गठन का मसौदा कैबिनेट को जाना है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही यह अस्तित्व में आ पाएगा।

इसे देखते हुए कुछ समय पहले प्रमुख सचिव वन ने फाउंडेशन के गठन की कवायद तेज करने के निर्देश दिए थे, मगर स्थिति जस की तस है। लंबे इंतजार के बाद अब फिर से इसकी कवायद की जा रही है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के मुताबिक राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन के लिए कसरत शुरू की गई है। उम्मीद है जल्द ही यह अस्तित्व में आ जाएगा।

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