coronaivrus: 314 ग्राम पंचायतों में क्वारंटाइन पर उठ रहे हैं सवाल, जानिए वजह
अन्य राज्यों से गांव लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था का जिम्मा भले ही ग्राम प्रधानों को दिया गया हो मगर 314 ग्राम पंचायतों में इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के दृष्टिगत अन्य राज्यों से गांव लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था का जिम्मा भले ही ग्राम प्रधानों को दिया गया हो, मगर 314 ग्राम पंचायतों में इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति है। ये वे ग्राम पंचायतें हैं, जहां पद रिक्त रहने की वजह से पंचायत गठित नहीं हो पाई हैं। ऐसे में वहां प्रवासियों के लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था का मसला पेचीदा बन गया है। अब जबकि, यह बात सामने आई है तो ऐसी पंचायतों में प्रशासक बैठाने अथवा गांव के प्रबुद्धजनों की समिति बनाने पर मंथन चल रहा है। एकाध दिन में सरकार की ओर से इस बारे में निर्णय लिए जाने की संभावना है।
प्रवासियों को गांव में पंचायत या स्कूल भवन और इनके न होने की दशा में घरों में ही क्वारंटाइन करने की व्यवस्था के लिए शासन ने ग्राम प्रधानों को अधिकार दिया है। प्रवासियों के लिए व्यवस्था में आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन राज्य की 7791 ग्राम पंचायतों में से 314 में पंचायत अस्तित्व में नहीं है।
इनमें 209 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों के पद खाली होने से कोरम पूरा नहीं हो सका है, जबकि 105 में प्रधानों के पद विभिन्न कारणों से खाली हैं। ऐसे में वहां प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था कैसे हो पाएगी, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। शासन के सूत्रों के अनुसार पंचायतीराज एक्ट में भी आपातकाल जैसा कोई प्रविधान नहीं है। ऐसे में जिन पंचायतों में पंचायत का गठन नहीं हो पाया है, उनके बारे निर्णय उच्च स्तर पर होना है।
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए पंचायतीराज निदेशालय ने इन पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने या गांव के प्रबुद्धजनों की समिति बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा, ताकि प्रवासियों के लिए व्यवस्था हो सके। सूत्रों ने बताया कि अब इस बारे में फाइल अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव को भेज दी गई है। एक-दो दिन में इस संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।
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