रुड़की: गायत्री शक्तिपीठ में यज्ञ कर सुख समृद्धि, राष्ट्र की उन्नति और प्रगति के लिए की प्रार्थना
गायत्री शक्तिपीठ रुड़की पर नवरात्रि अनुष्ठान साधना की पूर्णाहुति के अवसर पर आचार्य दीपक भारद्वार ने कहा कि संयम साधना से मनुष्य अपने जीवन को सुखी बना सकता है। इस दौरान यज्ञ के माध्यम से सुख समृद्धि एवं राष्ट्र की उन्नति एवं प्रगति की प्रार्थना की गई।
जागरण संवाददाता, रुड़की: नवरात्र शक्ति साधना का पर्व है। शक्ति का मूल स्रोत संयम है। संयम साधना से मनुष्य अपने जीवन को सुखी बना सकता है। यह बात आचार्य दीपक भारद्वार ने गायत्री शक्तिपीठ रुड़की पर नवरात्रि अनुष्ठान साधना की पूर्णाहुति के अवसर पर कही। इस दौरान यज्ञ के माध्यम से सुख समृद्धि एवं राष्ट्र की उन्नति एवं प्रगति की प्रार्थना की गई।
उन्होंने कहा कि इंद्रीय संयम, अर्थ संयम, समय संयम और विचार संयम से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सफल एवं धन्य बना सकता है। उन्होंने कहा कि त्याग एवं संयम से ही मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। इस मौके पर यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदोष सिंघल, सतीश कुमार वैश्य, मुकेश शर्मा, धर्मपाल त्यागी, सागर रस्तोगी, लटूरी सिंह ,अभिषेक सिंह, राजेश कुमार, विनायक भारद्वाज मीनू सिंगल, अनु सिंगल, मंजू शर्मा, प्रवीण यादव,उमा बिष्ट और अंजना बिष्ट आदि मौजूद रहे।
पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ व श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन
रुद्रप्रयाग: उफराई देवी मंदिर समिति एवं आठ गांवों के सहयोग से चल रहे नौ दिवसीय महायज्ञ एवं श्रीमददेवी भागवत कथा का पूर्णाहुति के साथ समापन हो गया है। भक्तों को व्यास आचार्य गणेश प्रसाद जोशी ने आशीष दिया। इसके बाद देव निशानों की विदाई पर भक्तजन काफी भावुक हुए।
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मुख्य आचार्य हरेन्द्र डिमरी व वेदप्रकाश डिमरी के नेतृत्व में ब्राह्मणों ने वैदिक मत्रों के साथ महायज्ञ में जौ, तिल व घी की आहुतियां डालकर पूर्णाहुति की। महायज्ञ में कुल सवा लाख आहुतियां डाली गई। मां की आरती के साथ सभी भक्तों को हरियाली का प्रसाद वितरण किया गया। शंकरनाथ, क्षेत्रपाल, घंडियाल, नागराजा, विनसर, हीत, मठियाण देवी समेत कई देवी देवताओं ने भक्तों को आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर उराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रकाश कप्रवान, उपाध्यक्ष विक्रम पंवार, कोषाध्यक्ष देवराज सिंधवाल, सचिव देव सिंह रावत, सह सचिव नागेंद्र कप्रवान, संरक्षक जसपाल पंवार, मंगल सिंह पंवार, लखपत सिंह, पुजारी योगेश डिमरी आदि मौजूद थे।
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