इन मांगों को लेकर दो दिन ठप रहेंगी निजी परिवहन सेवाएं
उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने 15 सूत्री मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। उन्होंने सीएम को एक आंदोलनात्मक नोटिस भी भेजा है।
देहरादून, [जेएनएन]: पुराने व्यावसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने से छूट देने समेत 15 सूत्री मांगों को लेकर उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री को भेजे गए आंदोलनात्मक नोटिस में महासंघ ने उनकी मांगों को मानने के लिए सरकार को 16 अगस्त तक की मोहलत दी है और ऐसा नहीं होने पर 17-18 अगस्त को पूरे सूबे में निजी परिवहन सेवाएं ठप करने की चेतावनी दी है।
भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गए नोटिस में महासंघ के संजय शास्त्री ने बताया कि सरकार ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं पर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही। ट्रांसपोर्टर आर्थिक घाटे से जूझ रहे हैं और सरकार नए नियम लागू कर उनकी कमर तोड़ रही है। सवारी को ना बैठाएं तो दिक्कत है और बैठाएं तो सरकार मुकदमा दर्ज कर रही। पहाड़ी रूटों पर कम संसाधनों के अभाव में चालक के लिए ज्यादा सवारी लाना मजबूरी होता है। ट्रांसपोर्टर आर्थिक घाटा झेलकर भी पहाड़ में परिवहन सुविधाएं दे रहें।
सरकार अगर मुश्किलें दूर नहीं कर सकती तो बढ़ाए भी न। महासंघ ने एलान किया कि अगर मांगों पर सरकार गौर नहीं करती तो 17 और 18 अगस्त को पूरे प्रदेश में निजी बस, टैक्सी, मैक्सी, जीप कमांडर्स, विक्रम, ऑटो समेत ट्रकों की हड़ताल रहेगी। अगर इसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी।
महासंघ की प्रमुख मांगें
-स्पीड गवर्नर सिस्टम की अनिवार्यता को वापस लिया जाए।
-जीपीएस सिस्टम की अनिवार्यता को रद हो।
-पर्वतीय मार्गों पर चालकों के लिए सीट बेल्ट की अनिवार्यता न की जाए।
-ओवरलोड वाहनों का चालान किया जाए, ना कि चालकों के विरुद्ध मुकदमा।
-वाहनों में प्रदूषण प्रमाणपत्र की उपलब्धता में ग्रीन टैक्स न लिया जाए।
-निजी बसों का किराया उत्तराखंड परिवहन निगम या हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर तय किया जाए।
-दुर्घटना होने पर चालक के साथ वाहन मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज न किया जाए।
-छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निश्शुल्क यात्रा व छह से नौ वर्ष तक आधा टिकट बिना सीट की सुविधा दी जाए।
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