Coronavirus: देहरादून में प्राइवेट लैब को भी कोरोना जांच की मिली मंजूरी
उत्तराखंड में अब एक निजी लैब को भी कोरोना की जांच की मंजूरी मिल गई है। दून स्थित आहूजा पैथोलॉजी लैब में यह जांच होगी।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में अब एक निजी लैब को भी कोरोना की जांच की मंजूरी मिल गई है। दून स्थित आहूजा पैथोलॉजी लैब में यह जांच होगी। आइसीएमआर ने देशभर में उन प्राइवेट लैब की सूची जारी की है, जहां जांच कराई जा सकती है।
प्रदेश में अभी सिर्फ सरकारी लैब को ही कोरोना की जांच की अनुमति है, जबकि कई राज्यों में निजी लैब को भी मंजूरी मिल चुकी है। अब आइसीएमआर ने देहरादून की आहूजा पैथोलॉजी लैब को भी अनुमति दे दी है। प्रदेश में अभी हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश की लैब में ही जांच की जा रही थी। जबकि आइआइपी स्थित लैब को भी मंजूरी मिल चुकी है। केंद्र सरकार के निर्णय के तहत निजी लैब में कोरोना की जांच अधिकतम 4500 रुपये में होगी। कहा गया है कि कोरोना से संक्रमिक या संदिग्ध मामले में निजी लैब स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए अधिकतम 1,500 रुपये ले सकते हैं।
कन्फर्मेशन टेस्ट के लिए अतिरिक्त तीन हजार रुपये लेने की इजाजत दी गई है। आहूजा पैथोलॉजी एंड इमेजिंग सेंटर के संचालक डॉ. आलोक आहूजा का कहना है कि जांच केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर ही की जाएगी। बताया कि जांच के लिए आवश्यक सामान मंगवाया गया है। यह सामान मंजूरी मिलने के बाद ही खरीदा जा सकता है। सामान आते ही टेस्ट भी शुरू कर दिए जाएंगे।
दून अस्पताल की व्यवस्था का जिम्मा एडीएम को
कोरोना से जंग में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल अहम भूमिका निभा रहा है। इस लड़ाई के लिए अस्पताल में किसी भी संसाधन की कमी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन आवश्यक तैयारी करने में जुटा है। इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल को अस्पताल का नोडल अधिकारी नामित किया है। वह अस्पताल की सभी मौजूदा व भावी तैयारी को सुनिश्चित कराने का काम करेंगे।
देहरादून में कोरोना का खतरा उसी स्थिति में बढ़ सकता है, जब बाहर से आए लोग अपने साथ संक्रमण लेकर आए हों। क्योंकि प्रदेश व जिले की सीमाएं सील होने तक बड़ी संख्या में लोग दून में जमा हो चुके थे।
अब बाहर से आने वाले व यहां फंसे लोगों के लिए प्रशासन ने अलग-अलग जगह पर क्वारंटाइन सेंटर/राहत शिविर बनाए हैं। अब जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने राहत शिविरों के लिए नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए हैं। बुधवार को जारी आदेश में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक (पीडी) विक्रम सिंह व जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) राजेंद्र सिंह रावत को नोडल अधिकारी बनाया गया। ये अधिकारी राहत शिविरों में तमाम व्यवस्थाओं का संचालन व पर्यवेक्षण करेंगे। इसी क्रम में रैपिड रिस्पॉन्स टीम व ब्लॉक रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी/बीआरटी) का कंट्रोल रूम में मध्यम बेहतर समन्वय बनाने के लिए जिला विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया।
होटल में रहेंगे कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर
कोरोना संकट के बीच डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ लगातार अपना काम कर रहा है। यह लोग 16-16 घंटे तक मरीजों की सेवा में जुटे हैं। न खाने की सुध है और न इन्हें आराम का ही समय मिल पा रहा है। घर जाना तो भूल ही जाइये। ऐसे में अब नजदीकी होटल में इनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। यह लोग घर के बजाय होटल में रहेंगे तो परिवार के लोगों को भी संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेमचंद्र ने इस बाबत आदेश जारी किया है।
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यह है व्यवस्था
- एचआइएचटी जौलीग्रांट के लिए होटल पदमिनी, होटल इंडो टाइगर व होटल बंगारी
- श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के लिए होटल वाइसराय इन, होटल पर्ल ग्रैंड व होटल ग्रैंड लिगेसी
- एम्स ऋषिकेश के लिए डिवाइन रिजॉर्ट, होटल गंगा किनारे व जीएमवीएन गेस्ट हाउस
- दून अस्पताल के लिए होटल शुभम, कमला गेस्ट हाउस