PM CARES FUND में उम्रभर की जमा-पूंजी देने वाली उत्तराखंड की देवकी को राष्ट्रपति कोविंद ने सराहा
उत्तराखंड की चमोली निवासी देवकी भंडारी ने अपनी उम्रभर की कमाई PM CARES FUND में दे दी। उनके इस योगदान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काफी सराहा है।
देहारदून, जेएनएन। coronavirus के खिलाफ जंग लड़ने को उत्तराखंड की चमोली निवासी देवकी भंडारी ने अपनी उम्रभर की कमाई PM CARES FUND में दे दी। उनके इस योगदान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काफी सराहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि देवकी भंडारी ने एक सच्चे राष्ट्रनिर्माता की भावना से अपनी जीवनभर की कमाई के दस लाख रुपये पीएम केयर्स फंड में सौंप दिए हैं। उनकी इस कल्याणकारी भावना से पता चलता है कि कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए हमारे देशवासियों का संकल्प कितना मजबूत है।
चमोली जिले के गौचर निवासी देवकी भंडारी(60 वर्ष) भी कोरोना वायरस से जंग लड़ने को आगे आईं और उन्होंने बुधवार को दस लाख की राशि का चेक पीएम केयर फंड में दान किया। देवकी भंडारी मूलरूप से बच्छणस्यूं पट्टी (रुद्रप्रयाग) की निवासी हैं, जो गौचर में किराये के मकान पर रहती हैं। उनके पति हुकुम सिंह भंडारी रेशम विभाग में बाबू थे, जिनका 12 साल पहले देहांत हो गया। इसके बाद उन्होंने समाज सेवा को ही जीवन समर्पित कर दिया। क्षेत्र के लोग उन्हें लोग देवकी दीदी के नाम से जानते हैं।
कुछ दिन पहले दिल्ली में रहने वाले एक रिश्तेदार ने उन्हें कोराना महामारी के बारे में जानकारी दी। तो फिर क्या था उनके मन में भी संकट के इस कठिन दौर में देश के लिए कुछ करने का विचार आया और उन्होंने अपने जीवनभर की जमापूंजी को दान में दे दिया। उनके इस योगदान की चारों ओर चर्चा है। खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उनके योगदान की प्रशंसा की है। इससे पहले एचआरडी मंत्री निशंक, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और नैनीताल सांसद अजय भट्ट भी उनकी दानशीलता की मुक्तकंठ से प्रशंसा कर चुके हैं।
मन में बचपन से ही था देशप्रेम का भाव
देवकी का मायका बिजलाकोट सारी में है। उनके पिता आजाद हिंद फौज में थे। शादी के बाद पति ने भी समाज सेवा में उनका साथ दिया। यही वजह है कि 60 साल की उम्र में भी समाज एवं राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण देखते ही बनता है।
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गोद लिया बेटे को करा रही बीटेक
देवकी भंडारी ने एक बेटा भी गोद लिया हुआ है। दरअसल, यह युवक पॉलीटेक्निक करने गौचर आया था और देवकी के घर के पास किराये के मकान पर रहता था। पढ़ाई के साथ वह देवकी को उनके समाज सेवा के कार्यों में हाथ भी बंटाता था। अब वह उसे बीटेक करा रही हैं।
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