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उत्‍तराखंड : बजट खर्च में फिसड्डी साबित हो रहे शहरी निकाय, पढ़ि‍ए पूरी खबर

कोरोनाकाल के दौरान सरकार ने शहरी निकायों पर धन वर्षा में कसर नहीं छोड़ी लेकिन कई निकाय समय रहते बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। खर्च में फिसड्डी शहरी निकायों से खफा सरकार ने उनके मुख्य नगर अधिकारियों और अधिशासी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:54 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:54 AM (IST)
उत्‍तराखंड : बजट खर्च में फिसड्डी साबित हो रहे शहरी निकाय, पढ़ि‍ए पूरी खबर
कई निकाय समय रहते बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना संकटकाल के दौरान भी सरकार ने शहरी निकायों पर धन वर्षा में कसर नहीं छोड़ी, लेकिन कई निकाय समय रहते बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। खर्च में फिसड्डी शहरी निकायों से खफा सरकार ने उनके मुख्य नगर अधिकारियों और अधिशासी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्हें इस लापरवाही के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा। शहरी निकायों को 14वें व 15वें वित्त आयोग से मिली धनराशि का उपयोग 31 मार्च तक अंतिम अवसर के तौर पर करना होगा।

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केंद्र और राज्य की सरकारों ने कोविड-19 महामारी के दौर में भी शहरी निकायों के समक्ष चुनौती को महसूस कर बजट देने में कमी नहीं की। महीनों गुजरने के बाद भी कई निकाय बजट खर्च नहीं कर सके। इनमें दो नगर निगम समेत तकरीबन आधा दर्जन शहरी निकाय शामिल हैं। शासन ने अन्य शहरी निकायों के खर्च का ब्योरा भी तलब किया है। दरअसल 14वें वित्त आयोग के साथ 15वें वित्त आयोग की ओर से निकायों को धन दिया जा रहा है। हालत ये है कि निकाय पिछले 14वें वित्त आयोग से मिली धनराशि को समय पर खर्च नहीं कर सके। ये हाल तब है जब शहरी निकाय विकास कार्यों के लिए धन की कमी का रोना तो रोते ही हैं, साथ ही अपने कार्मिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन के भुगतान को तरस जाते हैं। इस वजह से उन पर देनदारी का बोझ लगातार बढ़ रहा है।

निकायों की ओर से अब शासन को प्रस्ताव भेजकर बजट इस्तेमाल के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया जा रहा है। निकायों की यह प्रवृत्ति सरकार को नागवार गुजरी। वित्त सचिव ने अब राज्य के सभी शहरी निकायों के मुख्य नगर अधिकारियों अथवा अधिशासी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है। बजट का उपयोग नहीं हुआ तो उन पर गाज गिरनी तय है। वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि उक्त निकायों समेत राज्य की सभी शहरी निकायों को 31 मार्च तक बजट के उपयोग का अंतिम अवसर दिया गया है।

ये शहरी निकाय नहीं कर सके बजट का उपयोग:

  • नगर निगम: हरिद्वार और रुद्रपुर
  • नगरपालिका परिषद: चंपावत व अल्मोड़ा
  • नगर पंचायत: कीर्तिनगर

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