अपनों ने ही दागदार की खाकी, पुलिस महकमे की करार्इ किरकिरी
राजधानी देहरादून में धनउगाही, नशे की लत और जुआखोरी में पुलिस कर्मियों का नाम भी अक्सर उछलता है। जिसने अफसरों के माथे पर बल डाल दिया है।
देहरादून, [जेएनएन]: हाल के दिनों में तीन ऐसे मामले समाने आए हैं। जिसने खाकी को न सिर्फ दागदार किया, बल्कि पुलिस महकमे की किरकिरी भी कराई। ये तीन मामले सिर्फ बानगी मात्र हैं। इसके अलावा अक्सर पुलिस पर उत्पीड़न करने, अभद्रता करने के मामले सुर्खियों में आते ही रहते हैं। जिन पर अफसरों को भी जवाब देते नहीं बनता।
दरअसल, जिले की शांति एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर पुलिस को अक्सर कठोर लहजे का प्रयोग और कड़े कदम उठाने ही पड़ जाते हैं। मगर उन कामों में संलिप्तता सवाल खड़ा करती है, जिसमें नाम आते ही पुलिस आरोपित को सलाखों के पीछे धकेल देती और मुकदमा भी थोप देती है। धनउगाही, नशे की लत और जुआखोरी में नाम इसी की कड़ी का एक हिस्सा हैं। जिसने अफसरों के माथे पर बल डाल दिया है। यही नहीं वाहन चेकिंग के दौरान अभद्रता से लेकर पूछताछ में पुलिसिया हनक दिखाने को लेकर भी खाकी के कारनामे चर्चा में आते ही रहते हैं।
केस एक: 18 फरवरी को एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसमें पांच पुलिस कर्मी शराब पीते हुए दिख रहे थे। एसएसपी ने जांच कराई तो पाया वीडियो पुलिस लाइन में बनाया गया था और सभी वहीं कार्यरत भी हैं। इस वीडियो ने पुलिस महकमे की खूब किरकिरी कराई थी। जांच के बाद मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
केस दो: 30 अप्रैल को यूआइटी के छात्र से रेसकोर्स में बीस हजार रुपये वसूली का मामला सामने आया। छात्र को कैंट कोतवाली के बिंदाल चौकी पर तैनात सिपाही सुशील ने जुआ खेलने के आरोप में पकड़ा था, जबकि यह उसका थाना क्षेत्र नहीं था। मामले में एसएसपी ने सिपाही पर केस दर्ज कर और निलंबित कर दिया।
केस तीन: 9 सितंबर को डालनवाला के डीएल रोड स्थित एक मकान से पुलिस ने 12 लोगों को जुआ खेलते पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि इसमें नेहरू कॉलोनी में तैनात सिपाही सुभाष भी शामिल था। पुलिस ने उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया और सभी के खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
जुआ खेलने का आरोपित सिपाही लाइन हाजिर
डालनवाला में रविवार को जुआ खेलने के आरोप में पकड़े गए सिपाही सुभाष को एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं डालनवाला इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने बताया कि सिपाही समेत सभी आरोपितों को थाने से ही जमानत दे दी गई। मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस आचरण नियमावली के इतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है और उन्हें इसकी सजा भी मिलती है। साथ ही सभी पुलिस कर्मियों को चेतावनी भी जारी की गई है, वह अवांछनीय गतिविधियों का हिस्सा न बनें। अन्यथा कठोर कदम उठाए जाएंगे।
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