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उत्तराखंड: पीएमओ ने बढ़ाई पुलिस शौर्य स्मारकों की उम्मीद, पढ़िए पूरी खबर

पीएमओ के दखल से ही अब हर राज्य में एक पुलिस शौर्य स्मारक के निर्माण की उम्मीद बढ़ी है। उत्तराखंड भी इसमें शामिल है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 04:47 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 04:47 PM (IST)
उत्तराखंड: पीएमओ ने बढ़ाई पुलिस शौर्य स्मारकों की उम्मीद, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड: पीएमओ ने बढ़ाई पुलिस शौर्य स्मारकों की उम्मीद, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, सुमन सेमवाल। हमारी सेना देश की सीमा पर मुस्तैद है तो पुलिस के जवाब देश के भीतर कानून और शांति व्यवस्था का जिम्मा संभाले हैं। जब भी नागरिकों की सुरक्षा और स्वछंदता खतरे में पड़ती है, तो पुलिस के जवान ही सबसे पहले सेवा में तत्पर नजर आते हैं। सेवा और सुरक्षा के इस जज्बे के चलते कई बार पुलिस के जवानों को अपने प्राणों की बलि भी चढ़ानी पड़ जाती है। रात-दिन ड्यूटी बजाने के बाद भी देश में पुलिस शौर्य स्मारक नजर नहीं आते। वर्ष 2018 में जरूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के बाद पहली बार दिल्ली में पुलिस शौर्य स्मारक का उद्घाटन किया। हालांकि, अब पीएमओ के दखल से ही हर राज्य में एक पुलिस शौर्य स्मारक के निर्माण की उम्मीद बढ़ी है। 

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देहरादून निवासी समाजसेवी अजय कुमार ने जुलाई में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस बाबत सुझाव सौंपा था। उन्होंने एक आंकड़े के हवाले से बताया था कि आजादी के बाद से अब तक देश में करीब 34 हजार पुलिस के वीर जनता की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं। मगर, पुलिस की वीरता को याद करने के लिए राज्यों में शौर्य स्मारक नहीं हैं। अजय कुमार के सुझाव पर गंभीरता से विचार करते हुए पीएमओ की तरफ से 13 फरवरी को सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को पत्र भेजा गया। 

पत्र में उल्लेख किया गया है कि समाजसेवी अजय कुमार के सुझाव के अनुरूप उचित कार्रवाई अमल में लाई जाए। अच्छी बात यह है कि दादर नगर हवेली और दमन एंड दीव पुलिस ने पीएमओ के निर्देश पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। दमन पुलिस मुख्यालय के पुलिस उपाधीक्षक रजनीकांत अवधिया के हस्ताक्षर से अजय कुमार को प्राप्त 25 फरवरी 2020 के पत्र में कहा कि उनके यहां पुलिस शौर्य स्मारक निर्माण के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 

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देशभर में हैं 17 लाख पुलिस कर्मी 

देशभर में पुलिस कर्मियों की संख्या 17.2 लाख है। हालांकि, स्वीकृत पदों की संख्या के हिसाब से यह संख्या 5.6 लाख कम है। देश की आबादी के हिसाब से यह संख्या प्रति लाख लोगों पर 138 है। समझा जा सकता है कि पुलिस किस तरह चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रही है। क्योंकि 47 हजार के करीब पुलिस कार्मिक वीआइपी सुरक्षा में ही लगाए गए हैं। 

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