पीएम नरेंद्र मोदी हर हफ्ते ले रहे जीएसटी की रिपोर्ट, पढ़िए पूरी खबर
देशभर में जीएसटी संग्रह की मॉनीटरिंग खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। अहम बात ये है कि ये मॉनीटरिंग छमाही तिमाही मासिक नहीं बल्कि हफ्तेवार की जा रही है।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। देशभर में जीएसटी संग्रह की मॉनीटरिंग खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। अहम बात ये है कि ये मॉनीटरिंग छमाही, तिमाही, मासिक नहीं, बल्कि हफ्तेवार की जा रही है। उत्तराखंड से सीधे पीएमओ को रिपोर्ट भेजने का असर ये है कि राज्य सरकार जीएसटी वसूली में तेजी और कर चोरी रोकने को मोर्चाबंद हो गई है। जीएसटी में रिटर्न दाखिल करने से कन्नी काटने वाले करीब 40 हजार पंजीकृत लोगों को नोटिस थमाए जाएंगे।
देश में जीएसटी संग्रह में बीते कुछ समय से आए उछाल के पीछे केंद्रीय वित्त मंत्रालय व राज्य सरकार तो हैं ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद इस मोर्चे पर डट गए हैं। पीएमओ के निर्देश पर राज्य बीते दिसंबर माह से हर हफ्ते सीधे प्रधानमंत्री के निजी सचिव को जीएसटी पर रिपोर्ट भेज रहा है। दिसंबर के अंतिम हफ्ते में भेजी गई रिपोर्ट में जीएसटी को लेकर राज्य की सक्रियता साफ दिख रही है।
इस साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने पर 1145 को नोटिस भेजे गए। इनमें 461 को दंडित कर 151.50 लाख रुपये वसूल किए जा चुके हैं। वहीं कर महकमे ने 222 स्थानों पर जाकर अस्तित्वविहीन 240 फर्मों का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया। 35166 ई-वे बिल का सत्यापन कर 41 लाख रुपये कर और जुर्माने के रूप में वसूल किए गए।
वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि राज्य में जीएसटी में पंजीकृत 1.60 लाख बड़े-छोटे कारोबारियों में करीब 40 हजार रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं। इन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर ट्रांसपोर्टर व निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार शामिल हैं। रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों को जुर्माना लगाकर नहीं छोड़ा जाएगा। अब उनके सालाना कर का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके आधार पर कर वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी में नवंबर माह तक 3235.46 करोड़ की वसूली हो चुकी है। जीएसटी में राज्य की ग्रोथ करीब 15 फीसद तक है।
8500 करोड़ ई वे बिल घपले की पीएम को दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड में ई वे बिल के 8500 करोड़ के फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई है। वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। बीती 16 दिसंबर को प्रदेश में केंद्र और राज्य के कर महकमे के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने करीब 60 स्थानों पर छापे मारकर ई वे बिल में 8500 करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। प्रधानमंत्री के अवलोकन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया किया राज्य में कर चोरों की ओर से जीएसटी में फर्जी पंजीयन लेकर करोड़ों रुपये का कारोबार ई वे बिल के माध्यम से किया जा रहा था। जांच में पता चला कि 70 में से 34 फर्म दिल्ली से मशीनरी और कंपाउंड दाना की खरीद के ई वे बिल बना रही थीं, जिनका मूल्य करीब 1200 करोड़ है। उन फर्मों ने आपस में ही खरीद-बिक्री कर राज्य के भीतर और बाहर ई वे बिल का वास्तविक मूल्य 8500 करोड़ तक पहुंचा दिया।
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रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य से बाहर 26 आपूर्तिकर्ताओं ने 531 करोड़ मूल्य के माल की आपूर्ति दर्शाई। जांच पूरी होने के बाद संबंधित राज्यों को जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। उक्त सभी फर्म केंद्र के अधिकार क्षेत्र के तहत पंजीकृत थीं। इनका पंजीकरण निरस्त करने के संबंध में सीजीएसटी संयुक्त आयुक्त को सूचित किया जा चुका है। रिपोर्ट में कर विभाग के विशेष कार्यबल की काशीपुर बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड काशीपुर पर की गई कार्रवाई का ब्योरा भी दिया गया है। उक्त फर्म करीब 25 करोड़ के टर्नओवर को छिपाते हुए पांच करोड़ कर की चोरी कर रही थी। जांच के दौरान 10 लाख जमा कराए गए, जबकि शेष धनराशि जमा करने की प्रक्रिया चल रही है।
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