पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड को योग की राह सुझा गए नमो
विश्व योग दिवस पर पीएम मोदी ने उत्तराखंड का रुख कर राज्य सरकार को भी योगशक्ति का अहसास कराया। इसके बूते उत्तराखंड की आमदनी में वृद्धि के रास्ते खुलेंगे।
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व योग दिवस पर उत्तराखंड के लिए एक नई इबारत गढ़ गए। योग की धरती उत्तराखंड से उन्होंने देश और दुनिया को संदेश दिया ही, साथ में पर्यटन प्रदेश के तौर पर राज्य के मंसूबों को भी हवा दे दी। अभी तक मुख्य रूप से चार धाम यात्रा पर केंद्रित राज्य के पर्यटन में अब योग का विस्तृत आयाम जुड़ा तो आर्थिकी को अपने पैरों पर खड़ा होते देर नहीं लगेगी। हालांकि, नमो की इस ठोस पहल के बाद अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है। मोदी की मुहिम को राज्य कितना भुना पाता है, यह सरकार की नीतियों से ही पता चल सकेगा।
योग की भूमि उत्तराखंड में यूं तो अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल समेत तमाम सालाना आयोजन होते रहे हैं। बीते वर्षों में योग के अनेक प्रशिक्षण संस्थान भी खुले हैं। विश्वविद्यालयों की ओर से भी योग पर पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके बावजूद पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड में ऋषिकेश समेत कुछेक स्थानों को छोड़ दिया जाए तो योग को लेकर ऐसा माहौल अब तक नहीं बन सका, जिससे देश-विदेश से पर्यटक योग के नाम पर उत्तराखंड के शहरों का रुख कर सकें। चौथे विश्व योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड का रुख कर राज्य सरकार को भी योगशक्ति का अहसास कराया। इसके बूते उत्तराखंड की आर्थिकी, खासकर पर्यटन से होने वाली आमदनी में वृद्धि के तमाम रास्ते खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
एक अध्ययन के मुताबिक विश्व योग दिवस के बाद से ही योग के वैश्विक बाजार में करीब 87 फीसद की वृद्धि आंकी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को इलनेस से वेलनेस की ओर मोड़कर राज्य सरकार के सामने भविष्य का रोडमैप भी रख दिया है। दरअसल, योग के जरिये राज्य में नेचर टूरिज्म के साथ ही वेलनेस टूरिज्म को प्रमोट करने की चुनौती उत्तराखंड सरकार के सामने है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा भी कि उत्तराखंड वैसे भी कई दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के पर्वत योग व आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यहां की पावन धरा में अद्भुत सम्मोहन व स्पंदन है।
वैसे भी पर्यटन और इससे जुड़े सेवा क्षेत्र पर राज्य की निर्भरता का अंदाजा इससे लग सकता है कि वर्ष 2013 की भीषण आपदा का सर्वाधिक कहर पर्यटन और इससे जुड़े सेवा क्षेत्र पर ही टूटा था। नतीजतन राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 26 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। यह 26 हजार से घटकर महज 800 करोड़ पर सिमट गया। चालू वित्तीय वर्ष में इसमें सुधार की उम्मीदें बंधी हैं। राज्य में अब योग प्रशिक्षण संस्थानों से लेकर गंगा के किनारे बने कैंपिंग स्थल योग के रमणीक साधना स्थल केंद्र के रूप में विकसित हों, इसके लिए राज्य सरकार को प्रयास करने होंगे।
पीएम की मौजूदगी और मेजबानी से बढ़ा मनोबल
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी का अवसर और फिर इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी से उत्तराखंड को विश्व पटल पर पहचान तो मिली ही, इससे राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का मनोबल बढऩे के साथ ही मुख्यमंत्री रावत के कद में भी इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री का इस छोटे से हिमालयी राज्य से कितना लगाव है, प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां के आठ दौरे इसकी तस्दीक करते हैं।
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