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केदारनाथ में फिर छलका पीएम का दर्द, यूपीए पर जमकर बरसे

केदारनाथ पहुंचे पीएम मोदी ने केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंंने कहा कि आपदा के दौरान उनके उत्तराखंड दौरे को लेकर काफी सियासत हुई थी।

By raksha.panthariEdited By: Published: Sat, 21 Oct 2017 03:33 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2017 10:57 PM (IST)
केदारनाथ में फिर छलका पीएम का दर्द, यूपीए पर जमकर बरसे
केदारनाथ में फिर छलका पीएम का दर्द, यूपीए पर जमकर बरसे

देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में आपदा पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार को निशाने पर रखा। उन्होंने आपदा के समय की उस पीड़ा को सबके साथ साझा किया जब केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य गुजरात सरकार द्वारा करने के प्रस्ताव को स्वीकारने के बाद प्रदेश सरकार पीछे हट गई थी। हालांकि राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लेकर उनके रुख में अब साफतौर पर नरमी दिखाई दी। साथ ही बदली हुई परिस्थिति में केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास करने की प्रसन्नता उनके चेहरे पर झलक रही थी। 

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प्रदेश में वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस दौरान उन्हें एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री के रूप में सशक्त दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। आपदा के दौरान उनके उत्तराखंड दौरे को लेकर काफी सियासत हुई थी। यहां तक कि प्रदेश सरकार ने उन्हें केदारनाथ जाने की अनुमति भी नहीं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पीड़ा अभी भी सालती है। शुक्रवार को केदारनाथ की धरती पर उनकी यह पीड़ा झलक भी गई। 

अपने संबोधन में उन्होंने सबसे पहले प्राकृतिक आपदा में शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि जब आपदा आई उस समय सबको चिंता थी। दूसरे राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते हुए उन्हें किसी अन्य राज्य में अतिक्रमण करने का न उन्हें हक है और न वे ऐसा सोच नहीं सकते। उस दौरान वह खुद को रोक नहीं पाए और उत्तराखंड चले आए। उस समय तत्कालीन उत्तराखंड सरकार से प्रार्थना की कि गुजरात सरकार को केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य दे दीजिए। जैसा देशवासियों का सपना होगा वह पूरा करेंगे। तब मुख्यमंत्री व सभी अफसर सहमत हो गए थे। तब खुशी में बाहर आकर उन्होंने मीडिया के सामने भी संकल्प व्यक्त किया। तभी मीडिया में खबर आई कि मोदी अब केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम करेगा। इससे दिल्ली में कोहराम मच गया। एक घंटे के भीतर ऐसा वातावरण खड़ा हो गया। राज्य सरकार पर राजनीतिक दबाव पड़ा और राज्य सरकार को घोषणा करनी पड़ी कि इसमें गुजरात सरकार का सहयोग नहीं लिया जाएगा। प्रदेश सरकार अपने स्तर से यह काम करेगी। बाबा ने शायद यह तय किया था कि यह काम बाबा के बेटे के हाथ से पूरा होगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब उनका विश्वास पक्का हो गया कि यह काम उन्हें ही करना है। मोदी तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर नरम दिखे तो उसकी वजह भी है। पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा अब भाजपा में ही हैं। 

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