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Swamitva Yojna: स्वामित्व योजना में पिथौरागढ़, चंपावत और चमोली भी शामिल

गांवों के भीतर संपत्तियों के सर्वेक्षण को शुरू की गई स्वामित्व योजना में मंगलवार से और तीन जिले जुड़ जाएंगे। अब पिथौरागढ़ चंपावत और चमोली जिलों में भी गांवों का सर्वेक्षण प्रारंभ होगा। इस सर्वेक्षण के लिए अब तक 3200 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 07:30 AM (IST)
स्वामित्व योजना में पिथौरागढ़, चंपावत और चमोली भी शामिल।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में गांवों के भीतर संपत्तियों के सर्वेक्षण को शुरू की गई स्वामित्व योजना में मंगलवार से और तीन जिले जुड़ जाएंगे। अब पिथौरागढ़, चंपावत और चमोली जिलों में भी गांवों का सर्वेक्षण प्रारंभ होगा। इस सर्वेक्षण के लिए अब तक 3200 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है। वर्तमान में पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल स्वामित्व योजना में शामिल हैं। हालांकि, पूरे उत्तराखंड को ही इस योजना में शामिल कर चुकी है। राज्य के भीतर चरणबद्ध तरीके से यह काम किया जा रहा है। 

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बीते वर्ष प्रारंभ हुई इस योजना में पहले चरण में तीन जिलों को अल्मोड़ा, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर को शामिल किया गया था। बाद में अल्मोड़ा जिले के कदम पीछे खींचने के बाद हरिद्वार को शामिल किया गया था। अभी तक आठ जिलों में संचालित की जा रही यह योजना जून माह से 11 जिलों में विस्तारित की जा रही है। स्वामित्व योजना के माध्यम से गांवों के भीतर संपत्तियों का सर्वे कर संपत्ति कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। 

इस योजना के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण लाभ गांवों में संपत्तियों को लेकर चल रहे दशकों पुराने विवादों के निपटारे के रूप में सामने आ रहा है। भू-अभिलेख दुरुस्त होने और संपत्तियों के झगड़े सुलझने के साथ ही संपत्ति कार्डधारक को उसकी संपत्ति पर ऋण की सुविधा मिल सकेगी। राजस्व और पंचायतीराज विभाग संयुक्त रूप से योजना को संचालित कर रहे हैं। परिसंपत्तियों का काम सर्वे आफ इंडिया कर रहा है। इसके लिए गांवों में ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है। 

राजस्व सचिव सुशील कुमार ने बताया कि अब तक प्रदेश के 3200 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है। 5100 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का काम होना है। उन्होंने बताया कि नए शामिल किए जा रहे तीन जिलों में भी गांवों के सर्वे का काम आगामी जुलाई तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद शेष बचे दो जिलों अल्मोड़ा और टिहरी को भी योजना में शामिल कर सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा।

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