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Coronavirus: बाहर से आ रहे लोग पुलिस को दे रहे गलत जानकारी, होगा मुकदमा Dehradun News

बाहर से आने वाले लोगों में माम लोग ऐसे भी हैं जो गलत मोबाइल नंबर व पता दर्ज करा रहे हैं। डीएम ने ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 01:26 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 01:26 PM (IST)
Coronavirus: बाहर से आ रहे लोग पुलिस को दे रहे गलत जानकारी, होगा मुकदमा  Dehradun News
Coronavirus: बाहर से आ रहे लोग पुलिस को दे रहे गलत जानकारी, होगा मुकदमा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। बाहर से आने वाले लोगों के देहरादून की सीमा पर प्रवेश करने के बाद ब्योरा जुटाया जा रहा है। तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो गलत मोबाइल नंबर व पता दर्ज करा रहे हैं। डीएम ने ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की ओर से गलत ब्योरा दर्ज कराना गंभीर बात है। जिलाधिकारी के मुताबिक प्रवासियों के नंबर व पता को लेकर पुलिस से जांच कराने के लिए भी कहा है। जांच में जिसकी भी जानकारी गलत पाई जाएगी, उसके खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।

उन्होंने अपील भी की कि समाज की सुरक्षा की खातिर सभी लोग सही जानकारी मुहैया कराएं। इसके अलावा उन्होंने कोरोनाकाल में अफवाह फैलाने व झूठा प्रचार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा।

710 लोगों को किया क्वारंटाइन 

जिला प्रशासन के अनुसार, दूसरे राज्यों से देहरादून आए 710 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है। सभी के सैंपल लिए गए हैं और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी संबंधित को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाएगा। दूसरी तरफ आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं ने 24 हजार से अधिक लोगों की सामुदायिक निगरानी की। 

इसमें बाहर से आने वाले 1198 होम क्वारंटाइन किए गए लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा रैंडम सैंपलिंग के तहत आशारोड़ी पर 16, रायवाला में 06, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में 10, धर्मावाला चेकपोस्ट पर 21 सैंपल लिए गए।

पहाड़ में होम क्वारंटाइन की निगरानी में लगा पूरा अमला

पहाड़ में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस के साथ पूरे प्रशासनिक अमले को उतार दिया गया है। इसकी असल वजह राजस्व पुलिस की सीमित संख्या और संसाधनों की कमी होना है। उत्तराखंड में होम क्वारंटाइन के उल्लंघन के मामले बागेश्वर, चंपावत समेत पर्वतीय जिलों से भी आने लगे हैं। 

चुनौती इस बात की है कि राज्य के साठ फीसदी इलाके में अभी भी राजस्व पुलिस ही शांति व कानून व्यवस्था को संभालती है। वही मुकदमे दर्ज करती है और विवेचना भी। मगर कोरोना संकट काल में उनके सामने नई चुनौती आ गई है। यह एक ऐसी चुनौती है, जिसके बारे में न तो उनके पास प्रशिक्षण है और न ही पुलिस की तरह अत्याधुनिक संसाधनों का सहारा। 

यही वजह है कि मैदानी जिलों में लॉकडाउन और होम क्वारंटाइन का पालन कराने में पुलिस जहां पूरी शिद्दत से जुटी है, वहीं, राजस्व पुलिस क्षेत्र में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लगाना पड़ा है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि होम क्वारंटाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 

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जहां तक राजस्व क्षेत्र की बात है तो आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। इसके साथ ग्राम प्रधानों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगरानी के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई गई है। पहाड़ में होम क्वारंटाइन की स्थिति बेहतर है।

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