पेंशनरों को लौटा रहे बैंक, 23 फीसद ही बने जीवन प्रमाण पत्र
पेंशन निरंतर आती रहे इसके लिए पेंशनरों को हर साल खुद के जीवित होने का प्रमाण पत्र (जीवन प्रमाणन) देना होता है। प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी जितनी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की है उतनी ही जिम्मेदारी एसबीआइ व पीएनबी की भी है।
देहरादून, सुमन सेमवाल। पेंशन निरंतर आती रहे, इसके लिए पेंशनरों को हर साल खुद के जीवित होने का प्रमाण पत्र (जीवन प्रमाणन) देना होता है। प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी जितनी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की है, उतनी ही जिम्मेदारी एसबीआइ व पीएनबी की भी है। प्रमाण पत्र बनाने के एवज में ईपीएफओ बैंकों को कमीशन भी देता है। हालांकि, इसके बाद भी तमाम बैंक पेंशनरों को बैरंग लौटा रहे हैं। इसके चलते अब तक भी महज 23.87 फीसद पेंशनरों के ही जीवन प्रमाण पत्र बन पाए हैं।
वहीं, बैंकों के उपेक्षित रवैये के चलते दूरस्थ क्षेत्रों के व्यक्तियों को परेशानी झेलकर देहरादून में ईपीएफओ कार्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है।ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव के मुताबिक जीवन प्रमाण पत्र बनाने के एवज में पिछले साल एसबीआइ व पीएनबी को 81.55 लाख रुपये का कमीशन भी दिया गया था। जीवन प्रमाण पत्र बनाने के एवज में बैंकों को कमीशन देने के बाद भी पेंशनर इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। क्षेत्रीय आयुक्त ने पेंशनरों से अपील की है कि जो बैंक उन्हें बहाना बनाकर लौटा रहे हैं, उनकी जानकारी ईपीएफओ कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। ऐसे बैंकों की शिकायत उनके मुख्यालय को भेजी जाएगी।
बैंकों को पिछले साल दिया गया कमीशन
एसबीआइ- 43.59 लाख रुपये।
पीएनबी- 37.96 लाख रुपये।
जीवन प्रमाणन की स्थिति
क्षेत्र पेंशनर प्रमाण पत्र प्रगति (फीसद में)
- देहरादून 37853 10309 27.23
- हल्द्वानी 25499 4819 18.89
नजदीकी पोस्टमैन से संपर्क करें पेंशनर
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज यादव ने बताया कि जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) ने वन डोर स्टेप सर्विस शुरू की है। सेवा का लाभ लेने के लिए पेंशनर पोस्टइंफो एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा एचटीटीपी://सीसीसी.सीईपीटी.जीओवी.इन/कोविड/रिक्वेस्ट.एएसपीएक्स पर जाकर अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: हरिद्वार-देहरादून नेशनल हाईवे से दून आने-जाने वाले वाहनों को अब चुकाना होगा टोल टैक्स
आवेदन करने के बाद पोस्टमैन पेंशनर के घर जाकर आधार नंबर आधारित बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर से प्रमाण पत्र बनाने की औपचारिकता पूरी करते हैं। अंगुली की स्कैनिंग होते ही जीवन प्रमाण पत्र की आइडी पेंशनर के मोबाइल नंबर पर पहुंच जाती है। साथ ही पेंशनर की जानकारी पेंशन डिपार्टमेंट को मिल जाती है। इसके लिए पेंशनरों को महज 70 रुपये का भुगतान करना होता है। जो पेंशनर ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने में असमर्थ हैं, वह सीधे अपने क्षेत्र के पोस्टमैन से संपर्क कर सकते हैं। सभी पोस्टमैन के पास बायोमेट्रिक मशीनें उपलब्ध हैं। ऐसे में पेंशनरों को अधिक परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी और आसानी से उनका जीवन प्रमाण पत्र बन जाएगी।
यह भी पढ़ें: विकासनगर में सड़क पर पेयजल लाइन ठीक कर खुला छोड़ दिया गड्ढा, दुर्घटना की आशंका बढ़ी