Patanjali Coronil Medicine: इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बिकेगी कोरोनिल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने ये शर्तें की तय
कोरोनिल को केंद्रीय आयुष मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। दिव्य योग फार्मेसी अब इन दवाओं की ब्रिकी कर सकेगी।
देहरादून, जेएनएन। योग गुरु बाबा रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी की दवा 'कोरोनिल' को केंद्रीय आयुष मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। दिव्य योग फार्मेसी अब इनकी ब्रिकी कर सकेगी। बशर्ते आयुष मंत्रालय ने इसके लिए कुछ शर्तें भी तय की हैं। वह यह कि इस दवा की बिक्री और प्रचार-प्रसार कोरोना की दवा के रूप में नहीं किया जाएगा। ना ही इसकी पैकिंग पर कोरोना का कहीं उल्लेख होगा या चित्र छापा जाएगा। राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा जारी लाइसेंस के आधार पर ही पंतजलि इन दवाओं की बिक्री कर सकेगा। यानी इन्हें इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर ही बेचा जाएगा।
बता दें, पतंजलि की दिव्य योग फार्मेसी ने कोरोनिल नाम की दवा तैयार की है। योग गुरू बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, निम्स जयपुर के निदेशक आदि ने बीती 23 जून एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना किट नाम से इसे लॉन्च किया था। दावा किया गया कि यह कोरोना के इलाज के लिए अचूक दवा है। कोरोना के मरीजों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल करने का भी दावा किया गया था। बताया गया था कि इस दवा से 67 प्रतिशत मरीज तीन दिन में और सात दिन में शत-प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं। पर अगले कुछ घंटे बाद केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इसकी बिक्री और प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी।
वहीं, प्रदेश के आयुष विभाग को भी इसकी जांच करने के लिए कहा था। जिस पर आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग अधिकारी ने दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस जारी कर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा। विभागीय अधिकारियों का कहना था कि कोरोनिल टैबलेट को इम्यूनिटी बूस्टर और श्वासरी वटी को सर्दी-खांसी के साथ ही श्वसन संबंधी समस्या के लिए मंजूरी दी गई थी। दिव्य फार्मेसी ने अपने आवेदन में कोरोना का कहीं उल्लेख ही नहीं किया और न कोरोना किट के निर्माण की अनुमति ली। वहीं, दिव्य फार्मेसी ने नोटिस के जवाब में कहा कि उन्होंने कोरोना की दवा बनाई ही नहीं। इसके बाद राज्य के आयुष विभाग ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने दिशा-निर्देश मांगे।
आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग अधिकारी डॉ. यतेंद्र सिंह रावत के अनुसार केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है कि यह दवाएं स्टेट ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा जारी लाइसेंस के आधार पर ही बेची जाएंगी। कोरोना के नाम पर ये दवाएं नहीं बेची जा सकेंगी। साथ ही दवाओं के लेबल पर कोरोना का जिक्र भी नहीं होना चाहिए। मंत्रालय ने गाइडलाइन के तहत क्लीनिकल ट्रायल भी जारी रखने की अनुमति दी गई है। उधर, ड्रग इंस्पेक्टर ने दिव्य फार्मेसी से इन दवाओं के सैंपल भी लिए हैं, जिन्हें विभाग ने जांच के लिए भेजा है। इनकी भी रिपोर्ट संभवत: बुधवार तक आ जाएगी।
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