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Patanjali Coronavirus Medicine: पतंजलि कोरोनिल दवा से कोरोना के इलाज के दावे से पलटा

Patanjali Coronavirus Medicine पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी अपने पूर्व में किए गए कोरोना की दवा ईजाद करने के दावों से पलट गया। आज उसने उत्तराखंड आयुष विभाग को अपना जवाब भेजा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 01:44 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 09:10 PM (IST)
Patanjali Coronavirus Medicine: पतंजलि कोरोनिल दवा से कोरोना के इलाज के दावे से पलटा
Patanjali Coronavirus Medicine: पतंजलि कोरोनिल दवा से कोरोना के इलाज के दावे से पलटा

हरिद्वार, जेएनएन। उत्तराखंड आयुष विभाग की ओर से पतंजलि की दिव्य फार्मेसी को भेजे गए नोटिस पर आचार्य बालकृष्ण ने साफ किया है कि औषधि के लेबल पर कोई अवैध दावा नहीं किया गया है। इम्युनिटी बूस्टर का लाइसेंस लिया गया था और कोरोनिल टेबलेट, श्वसारि वटी और अणु तेल औषधि इम्युनिटी बूस्टर का ही काम करती है। सरकार ने नोटिस किस आधार पर दिया, इसका जवाब सरकार से मांगा जाना चाहिए। उत्तराखंड आयुष विभाग को नोटिस का जवाब दिए जाने की बात से योगपीठ के महामंत्री बचते नजर आए। उधर, आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कोरोनिल के मामले में मंगलवार तक फैसला होने की उम्मीद है। दिव्य फार्मेसी ने अपना जवाब चीफ ड्रग कंट्रोलर को भेज दिया है। 

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दिव्य फार्मेसी ने पिछले मंगलवार को कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था। आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए पतंजलि को नोटिस भेज दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी। साथ ही, इससे संबंधित दस्तावेज तलब किए थे। इधर बीते बुधवार को उत्तराखंड आयुष विभाग ने दिव्य फार्मेसी को नोटिस भेज फार्मेसी को तत्काल कोरोना किट के प्रचार पर रोक लगाने और लेबल संशोधित करने के आदेश दिए थे। नोटिस का जवाब सात दिनों के भीतर देने को कहा गया था। दरअसल, प्रदेश के आयुष विभाग का कहना था कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर बनाने का लाइसेंस दिया गया था। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला मीडिया को दिए बयान में औषधि के लेबल पर कोई अवैध दावा न किए जाने की बात कहते रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि औषधि का निर्माण और बिक्री सरकार के तय नियम कानून के अनुसार होती है। किसी भी व्यक्तिगत मान्यताओं और विचारधारा के अनुसार नहीं। पतंजलि ने सारी प्रक्रिया का विधिसम्मत अनुपालन किया है। इधर, सोमवार को आयुष विभाग की ओर से भेजे नोटिस पर योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि सरकार ने दिव्य फार्मेसी को जो नोटिस दिया है, उसका आधार क्या है। यदि आधार लेबल है तो पतंजलि ने लेबल पर कोई गलत दावा नहीं है। पतंजलि की दवा इन्युनिटी बूस्टर का काम करती है। क्लीनिकल ट्रायल में इसके सेवन से कई कोरोना के मरीज ठीक हुए। पतंजलि ने इम्युनिटी बूस्टर का ही लाइसेंस लिया है। 

सोमवार शाम को देहरादून में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में दिव्य फार्मेसी की कोरोनिल दवा के संबंध में बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि दिव्य फार्मेसी ने नोटिस का जवाब दे दिया है। इस संबंध में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय से बात की। बताया गया कि इस मामले में आयुष मंत्रालय मंगलवार तक निर्णय ले लेगा। आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि आयुष मंत्रालय के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। इस निर्णय के आलोक में ही प्रदेश सरकार भी मंगलवार तक निर्णय ले लेगी।

जवाब के कुछ बिंदुओं से विभाग सहमत नहीं

आयुर्वेद विभाग के लाइसेंसिंग अधिकारी डॉ. वाईएस रावत का कहना है कि दिव्य फार्मेसी ने कोरोना किट बनाने की बात से इनकार किया है। यह भी कहा है कि उन्होंने लाइसेंस के अनुरूप ही दवा का निर्माण किया और कोरोना के इलाज का कोई दावा उन्होंने नहीं किया। डॉ. रावत के अनुसार दिव्य फार्मेसी ने जो जवाब दाखिल किया, उसके कुछ बिंदुओं से विभाग सहमत नहीं है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय से भी इस विषय में बात हुई है। बताया गया कि वहां से स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को एक पत्र भेजा गया है। पत्र मिल जाने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग इंस्पेक्टर ने किया निरीक्षण

ड्रग इंस्पेक्टर ने भी सोमवार को हरिद्वार स्थित दिव्य फार्मेसी का निरीक्षण किया। जिनकी रिपोर्ट में वहां कोरोना किट के निर्माण से इनकार किया गया है। कहा गया है कि वहां कोरोनिल टेबलेट का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। 

यह भी पढ़ें: आचार्य बालकृष्ण का दावा, निम्स में ही हुआ औषधियों का क्लीनिकल परीक्षण


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