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उत्‍तराखंड में स्वामित्व योजना के लक्ष्य 2022 तक होंगे पूरे, पढ़ि‍ए पूरी खबर

ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के सर्वेक्षण को शुरू की गई स्वामित्व योजना में हर जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य को 2022 तक प्राप्त किया जाएगा। केंद्रीय पंचायती राज सचिव सुनील कुमार ने चिह्नित चार जिलों में गांवों के सर्वेक्षण कार्य को तेज करने के निर्देश सर्वे ऑफ इंडिया को दिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 12:25 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 12:25 PM (IST)
उत्‍तराखंड में स्वामित्व योजना के लक्ष्य 2022 तक होंगे पूरे, पढ़ि‍ए पूरी खबर
केंद्रीय पंचायती राज सचिव ने चिह्नित गांवों के सर्वेक्षण कार्य को तेज करने के निर्देश सर्वे ऑफ इंडिया को दिए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के सर्वेक्षण को शुरू की गई स्वामित्व योजना में हर जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य को 2022 तक प्राप्त किया जाएगा। केंद्रीय पंचायती राज सचिव सुनील कुमार ने चिह्नित चार जिलों में गांवों के सर्वेक्षण कार्य को तेज करने के निर्देश सर्वे ऑफ इंडिया को दिए हैं।

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केंद्रीय पंचायती राज सचिव सुनील कुमार और संयुक्त सचिव एपी नागर ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में विभागीय कामकाज की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभाग के प्रस्तुतीकरण को सराहा। केंद्र सरकार के दल ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश और सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया के साथ भी अलग-अलग मुलाकात कर स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया।

केंद्रीय सचिव ने सर्वे ऑफ इंडिया कार्यालय में सर्वे ऑफ इंडिया, राजस्व परिषद और पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के साथ स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा की। यह तय किया गया कि लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में बताया गया कि स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। प्रदेश में ऊधमसिंहनगर, पौड़ी व हरिद्वार में इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। अब देहरादून को भी इस योजना में शामिल किया गया है। 31 मार्च, 2021 तक प्रदेश में 6227 के स्थान पर अब 6800 गांवों में सर्वे किया जाएगा। उक्त सभी गांवों में निवासरत व्यक्तियों व परिवारों के संपत्ति कार्ड बनेंगे। केंद्रीय सचिव ने इस योजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।

इस मौके पर केंद्रीय सचिव व संयुक्त सचिव ने प्रदेश में विभाग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों की क्षमता वृद्धि के लिए तैयार की गईं हस्तपुस्तिकाओं का विमोचन किया। बैठक में सेंटर फॉर पब्लिक प्लानिंग एंड गुड गवर्नेंस के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मनोज पंत ने नियोजन व पंचायती राज विभाग के बीच समझौता ज्ञापन पत्र के बारे में जानकारी दी। स्थानिक नियोजन विषय पर आइआइटी रुड़की के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ उत्तम कुमार ने प्रस्तुतीकरण दिया। ई-पंचायत सेवा केंद्र, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, केंद्रीय वित्त आयोग के साथ पंचायती राज विभाग में हेल्प डेस्क प्रणाली, पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वामित्व विषयों पर विशेषज्ञों ने प्रस्तुतीकरण दिए।

बैठक में सचिवालय, निदेशालय व जिलों के अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधियों के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, क्षेत्र पंचायत देवाल, चमोली के प्रमुख दर्शन सिंह दानू समेत कई प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के बाद केंद्रीय सचिव व संयुक्त सचिव ने पंचायतीराज निदेशालय जाकर स्मार्ट एंड ईको फ्रेंडली ऑफिस के रूप में परिवर्तित निदेशालय भवन व विभाग में नव स्थापित हेल्प डेस्क प्रणाली का निरीक्षण किया। बैठक के बाद शाम को सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई।

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