निजीकरण के विरोध में उतरे आयुध निर्माणी कार्मिक, दोपहर भोजन का किया बहिष्कार
आयुध निर्माणी के कार्मिकों ने केंद्र सरकार की ओर से आयुध निर्माणी का निजीकरण करने की योजना बनाने का विरोध कर गुरुवार को दोपहर भोजन का बहिष्कार किया।
देहरादून, जेएनएन। आयुध निर्माणी के कार्मिकों ने केंद्र सरकार की ओर से आयुध निर्माणी का निजीकरण करने की योजना बनाने का विरोध कर गुरुवार को दोपहर भोजन का बहिष्कार किया। ऑर्डनेंस फैक्ट्री इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि गुरुवार को रायपुर स्थित आयुध निर्माणी के कर्मचारियों ने ऑल इंडिया डिफेंस इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर दोपहर भोजन का बहिष्कार किया। कहा कि केंद्र सरकार की ओर से देश के 41 निर्माणियों को निगम बनाने का फैसला लिया गया है।
जिसके बाद इनके निजीकरण की तैयारी की जा रही है। निगमीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि 200 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि देश की रक्षा के लिए हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों का निजीकरण किया जा रहा है। जबकि, पूर्व में चार-चार रक्षा मंत्री फेडरेशन को आश्वासन दे चुके हैं कि निर्माणियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा। लेकिन, केंद्र सरकार की नजर निर्माणियों की जमीन व कारखानों पर है।
आयुध निर्माणियों ने तमाम युद्धों में पूरी क्षमता के साथ उपकरणों व हथियारों का उत्पादन किया। कोविड-19 के प्रकोप के बीच भी निर्माणी कर्मचारियों ने सैनिटाइजर, मास्क, वेंटिलेटर मशीन का बड़े पैमाने पर निर्माण किया और स्थानीय शासन को उपलब्ध कराए। अब आयुध निर्माणी देहरादून में भी संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है। फेडरेशन के आह्वान पर आगामी 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी कर दी गई है। इस मौके पर कलीम अहमद व महेंद्र चौहान भी शामिल रहे।
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