54 अधिकारी और कर्मचारियों की चल रही गोपनीय जांच, जानिए पूरा मामला
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की तरह अन्य विभागों के भी अधिकारी-कर्मचारियों की गोपनीय जांच चल रही है।
By Edited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 04:39 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिशासी अभियंता की तरह अन्य विभागों के भी अधिकारी-कर्मचारियों की गोपनीय जांच चल रही है। मौजूदा वक्त में 54 अधिकारी और कर्मचारी विजिलेंस की राडार पर हैं। विजिलेंस इन सभी की कुंडली खंगाल रही है। सूत्रों की मानें तो देर-सबेर इन पर भी शिकंजा कसा जाना तय है।
केंद्र या राज्य सरकार के नियंत्रण वाले विभागों में भ्रष्टाचार तब सुर्खियों में आता है, जब सीबीआइ या विजिलेंस रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों को रंगे हाथ पकड़ती है। मगर चंद दिन में हालात फिर पहले जैसे हो जाते हैं या यह कहें कि जिन 'खामियों' के चलते वह गिरफ्त में आए, उनकी काट खोज लेते हैं। फिर ऐसे लोगों को रंगे हाथ पकड़ना भी मुश्किल होने लगता है।
मगर इन सबके बाद भी ऐसा नहीं कि वह बचे हुए हैं। उत्तराखंड शासन के निर्देश पर ऐसे 54 लोकसेवकों की फाइल विजिलेंस में खुली हुई है। आमजन के बीच से आई शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए उनकी जांच विजिलेंस को सौंपी गई है। इसमें ऐसे अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, जिन्होंने सेवा में आने के बाद कुछ ही वर्षो में अकूत संपत्ति जोड़ ली।
18 साल में 165 की हुई जांच राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की सरकारों ने 165 लोकसेवकों की विजिलेंस से जांच कराई। इनमें से 110 की जांच रिपोर्ट विजिलेंस शासन को भेज चुका है। जबकि 54 की जांच अभी चल रही है। विजिलेंस को मिली जांच
वर्ष, मिली जांच, निस्तारित, लंबित
2011, 17, 14, 3
2012, 05, 04, 1
2013, 14, 12, 2
2014, 06, 04, 2
2015, 03, 01, 2
2016, 17, 04, 13
2017, 19, 04, 15
2018, 19, 04, 15
डीआइजी विजिलेंस कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि शासन से मिली 54 लोकसेवकों की जांच अभी लंबित है। इसमें जांच कर अधिकारियों को शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। जिससे आगे की कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति प्राप्त की जा सके।
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