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दो कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक की मौत, हत्या का मुकदमा दर्ज Dehradun News

रविवार को दो कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में घायल सजायाफ्ता कैदी की बुधवार तड़के मौत हो गई। उसका दो दिन से ऋषिकेश एम्स में इलाज चल रहा था।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 08:00 PM (IST)
दो कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक की मौत, हत्या का मुकदमा दर्ज Dehradun News
दो कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक की मौत, हत्या का मुकदमा दर्ज Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। जिला कारागार में रविवार को दो कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में घायल सजायाफ्ता कैदी की बुधवार तड़के मौत हो गई। उसका दो दिन से ऋषिकेश एम्स में इलाज चल रहा था। मामले में जेल प्रशासन ने आरोपित सजायाफ्ता कैदी के खिलाफ प्रेमनगर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। मृतक कैदी बिहार के भागलपुर जिले का रहने वाला था। पुलिस ने उसके परिवार को घटना की जानकारी दे दी है। शव का पोस्टमार्टम परिजनों के देहरादून पहुंचने पर होगा। डीएम ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच और एडीजी जेल ने विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।

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जेल प्रशासन ने कैदियों के बीच हुए संघर्ष की किसी को कानोकान खबर नहीं होने दी। मामला तब पुलिस के संज्ञान में आया, जब बुधवार तड़के साढ़े पांच बजे कैदी की मौत हो गई। पुलिस ने जेल अधीक्षक की ओर दी गई घटनाक्रम की जानकारी के आधार पर बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में रुद्रप्रयाग की अदालत ने ज्ञानचंद को दस साल की सजा सुनाई थी। वर्ष 2015 में उसे देहरादून जेल शिफ्ट कर दिया गया। वहीं, पिथौरागढ़ के बेरीनाग के रहने वाले आनंद सिंह को पिथौरागढ़ से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसे वर्ष 2015 में हरिद्वार जेल से देहरादून भेजा गया था। दोनों को बैरक नंबर 7-ए में रखा गया था। 

रविवार की दोपहर बैरक में रखे बासी खाने को फेंकने के लिए ज्ञानचंद ने आनंद सिंह को कहा। इस पर आनंद आगबबूला हो उठा। बोला कि वह कौन होता है उसे आदेश देने वाला। इस पर ज्ञानचंद ने भी प्रतिकार किया तो आनंद ने ज्ञानचंद के वॉकर को खींच लिया। जिससे ज्ञानचंद जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद आनंद ने उस पर लात-घूंसे से हमला कर दिया। ज्ञानचंद ने भी बचाव की कोशिश की और शोर मचाया। 

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बैरक से आ रही चीख-पुकार को सुनकर गश्त कर रहे बंदी रक्षक दीपक बलूनी ने अन्य कैदियों की मदद से दोनों को अलग किया। जेल प्रशासन ने लहूलुहान ज्ञानचंद को जेल अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर देख उसे दून मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां से उसे सोमवार को ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। 

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