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अब तलने के बाद नष्ट करना होगा बचा तेल, जानिए वजह

अब तेल की मात्रा से लेकर बचे तेल को नष्ट करने का रिकॉर्ड रखना होगा। रिकॉर्ड का प्रमाणीकरण होगा और जानकारी खाद्य सुरक्षा विभाग को भी देनी होगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 04:34 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 04:34 PM (IST)
अब तलने के बाद नष्ट करना होगा बचा तेल, जानिए वजह
अब तलने के बाद नष्ट करना होगा बचा तेल, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। खाद्य कारोबारियों को अब अपने यहां इस्तेमाल तेल की मात्रा से लेकर बचे तेल को नष्ट करने का रिकॉर्ड रखना होगा। रिकॉर्ड का प्रमाणीकरण होगा और जानकारी खाद्य सुरक्षा विभाग को भी देनी होगी। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने इस बावत कानून बना दिया है। बता दें, खाने की चीजें तलने के लिए एक ही तेल के बार-बार इस्तेमाल से सेहत खराब हो सकती है। खाने की गुणवत्ता बनी रहे और व्यक्ति की सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े, इसलिए यह कदम उठाया गया है। 

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एफएसएसएआइ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि तलने के लिए एक ही तेल के बार-बार इस्तेमाल से खाने के तेल की प्रकृति और गुण बदल जाते हैं। ऐसे तेल में टोटल पोलर कपाउंड पैदा हो जाते हैं। इसके खाने में इस्तेमाल होने से सेहत पर गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। पहले ही नियम बनाकर ऐसे तेल के खाने में इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है जिसमें टीपीसी 25 फीसदी से ज्यादा हो। ऐसा तेल किसी भी तरह से खाद्य श्रृंखला में वापस नहीं आ सकें, इसलिए अब ये कानून लागू किया गया है।

तेल का पांच बिंदुओं में रिकॉर्ड रखा जाएगा। बचा तेल नष्ट करने को भी नियम तय किए गए हैं। कानून ऐसे कारोबारियों पर लागू किया गया है, जिनके यहां रोज 50 लीटर या ज्यादा तेल इस्तेमाल किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि खाद्य कोरोबारियों को इस विषय में जागरूक किया जा रहा है। 

पैकिंग में पिन का नहीं होगा इस्तेमाल 

खाद्य पदार्थों की पैकिंग को लेकर भी फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि पेपर और प्लास्टिक बैग की पैकिंग के लिए छोटे निर्माता ज्यादातर स्टेपल पिन का इस्तेमाल करते हैं। पिन धातु की बनी होती है। खाने-पीने की चीजों के संपर्क में आने के बाद पिन नुकसानदेह हो सकती है। कई बार पिन में जंग लग जाती है। जंग लगी जगह पर रोगाणु जन्म लेते हैं। पिन ढीली होने पर खान-पान की चीज में जा सकती है। ऐसे में यह गले में फंस सकती है। कहा गया है कि थैली को स्टेपल करने की जगह उसे चिपकाकर बंद किया जाएगा। 

चिप्स में अब खिलौने नहीं 

बच्चों की चॉकलेट और चिप्स में खिलौना डालने पर भी एफएसएसएआइ ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस विषय में सभी राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द इस विषय में निर्माताओं की बैठक बुलाई जाएगी। 

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