वेडिंग के लिए प्री वेडिंग जरूरी, कपल्स को बेहद भा रहा ये ट्रेंड
वेडिंग के लिए प्री वेडिंग बेहद जरूरी। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा क्योंकि इन दिनों कपल्स को ये ट्रेंड बेहद भा रहा है।
देहरादून, दिनेश कुकरेती। आज शादियां वैसी नहीं होतीं, जैसी 10-15 साल पहले हुआ करती थीं। परंपराओं में भले ही ज्यादा फर्क न आया हो, लेकिन उन्हें पूरा करने का ढंग पूरी तरह बदल गया है। साथ ही बदल गए शादी और शादी से पूर्व के यादगार पलों को कैमरे में कैद करने के तरीके भी। इसबार हम प्री वेडिंग के इसी ट्रेंड से आपको परिचित करा रहे हैं।
भारतीय संस्कृति के संपन्न परिवारों में पश्चिमी संस्कृति के प्रवेश से विवाह समारोहों का एक नया रूप सामने आया है। इसे नाम दिया गया प्री वेडिंग। कुछ वर्ष पूर्व तक प्री-वेडिंग का चलन सिर्फ ऐसे परिवारों में था, जिनकी समाज में धाक हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे मध्यम वर्गीय परिवार भी इसका हिस्सा बनते चले गए। प्री-वेडिंग शूट के लिए जगह से लेकर आउटफिट तक, हर एक चीज बहुत मायने रखती है।
इसमें काफी हद तक फोटोग्राफर्स गाइड करते हैं। सो, इस कल्चर में दूल्हा-दुल्हन अपने परिजनों की सहमति से शादी से पूर्व प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स से फोटो एवं वीडियो शूट करवाने देश के विभिन्न टूरिस्ट पैलेस, बड़े होटल, हेरिटेज बिल्डिंग, हिल स्टेशन, नदी घाटी, समुद्री बीच व अन्य ऐसे स्थानों पर पहुंचते हैं, जो आमतौर पर शादी के बाद हनीमून के लिए जाने जाते हैं। फिर इन वीडियो व फोटो को शादी के दिन एक बड़ी-सी स्क्रीन लगाकर मित्र-परिचित, सगे-संबंधी व मेहमानों को दिखाया जाता है। अब तो 'सेव द डेट' कहते हुए मेहमानों को भी डिजिटल इनविटेशन भेजा जाने लगा है, जिसमें कपल्स का प्री-वेडिंग शूट नजर आता है।
एक-दूसरे के ज्यादा करीब आने की सोच
आज की डिजिटल दुनिया में फोटो शूट कम खर्चीला होने के कारण भी मिडिल क्लास फैमिली में प्री वेडिंग का ट्रेंड बढ़ा है। इसके पीछे सोच यह है कि दो परिवारों में रिश्ता पक्का होने और युवा जोड़ों की सगाई के बाद प्री वेडिंग शूट के जरिये दूल्हा-दुल्हन को एक-दूसरे के ज्यादा करीब आने का मौका मिले।
फिल्मी सितारों-सी जीने की चाह
आज कपल्स अपने इन खास लम्हों को फिल्मी सितारों की तरह जीना चाहते हैं। यही वजह है कि खुद की लव स्टोरी को शूट करवाने का ट्रेंड प्री-वेडिंग शूट में चल पड़ा है। इसके साथ ही वेडिंग शूट भी अब केवल शादी का फंक्शंस कवर करने का जरिया मात्र न रहकर परफैक्ट व्यवसाय बन गया है।
स्टोरी बेस्ड हुआ प्री वेडिंग शूट
देखा जाए तो प्री वेडिंग शूट का ट्रेंड चार से पांच साल पहले प्रचलन में आया। लेकिन, इन सालों में इसका कॉन्सेप्ट भी बदला है। पहले प्री-वेडिंग वीडियो में कपल्स को लोकेशंस पर ले जाकर कैंडिड व रोमांटिक शूट किया जाता था, जिसमें किसी एक गाने पर रोमांटिक पार्ट प्ले होता था। लेकिन, यंगस्टर्स को अब यह कॉन्सेप्ट रिअल वल्र्ड का नहीं लगता। सो, अब प्री-वेडिंग शूट 'स्टोरी बेस्ड' हो गया है। यानी इस वीडियो में कपल की लव स्टोरी शूट होती है।
लव मैरिज व अरेंज मैरिज के अलग-अलग अंदाज
लव मैरिज है तो कपल कहां मिले, कैसे प्यार और इकरार हुआ, पेरेंट्स कैसे तैयार हुए आदि पर कपल एक्ट करता है। साथ ही स्टोरी में कुछ रोमांटिक पार्ट भी होता है। जबकि, अरेंज्ड मैरिज कपल्स में कुछ फिक्शन तैयार करते हुए शूट किया जाता है।
मिक्सिंग की जगह लिप डब का कॉन्सेप्ट
पहले वेडिंग वीडियो शूट में हल्दी, मेहंदी, मायरा, संगीत, बारात, रिसेप्शन जैसे फंक्शंस पर मूवमेंट्स कैप्चर होते थे और उसमें बॉलीवुड गानों की मिक्सिंग कर पेश कर दिया जाता था। जबकि, अब लिप डब का कॉन्सेप्ट आ गया है। इसमें कपल्स, परिवार के सदस्य, नाते-रिश्तेदार व दोस्त- सभी बॉलीवुड के किसी गाने पर लिप सिंक करते हुए एक ड्रामा क्रिएट करते हैं। इस तरह के वेडिंग शूट में डायरेक्शन का भी बड़ा रोल होता है।
जमीन से आसमान तक शॉट्स
अब तो ड्रोन से भी ऐसे-ऐसे शॉट्स लिए जाने लगे हैं कि कपल्स का प्री-वेडिंग व वेडिंग शूट किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लगता। हालांकि, भारत में ड्रोन प्रतिबंधित होने के कारण पहले इसके इस्तेमाल की परमिशन लेना जरूरी है। लेकिन, इसकी ऊंचाई तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे बदला दौर
-पहले दुल्हन सुर्ख जोड़े में ही नजर आती थी। अब पेस्टल कलर के हल्के गुलाबी, क्रीम या डार्क ऑरेंज लहंगे भी चलन में हैं।
-पहले दुल्हन की आंखों के ऊपर ढेर सारा शेडो, गालों पर रूज ब्लशर व लाल-सफेद बिंदियों से सजावट की जाती थी। अब लड़कियां छोटी-सी बिंदी, हल्का मांगटीका, पतला-सा काजल, कुछ सुर्ख लिपस्टिक तो कुछ हल्का रंग चुनती हैं।
-जयमाला पहले सामान्य स्टेज पर हुआ करती थी, लेकिन अब सामान्य स्टेज की जगह घूमने वाले ऊंचे स्टेज ने ले ली है।
-पहले स्टेज पर दुल्हन की एंट्री अपनी सहेलियों के साथ होती थी। बीच में पालकी भी ट्रेंड में रही और अब दुल्हन डांस करते हुए एंट्री लेती है।
-पहले जमाने में कुछ महिलाएं बन्ना-बन्नी गाकर लेडीज संगीत की रस्म पूरी कर लेती थीं, लेकिन अब डेस्टिनेशन वेडिंग के दौर में लड़का-लड़की का परिवार एक ही जगह पर मिलकर संगीत फंक्शन करते हैं। इसमें दूल्हा-दुल्हन बाकायदा कपल डांस परफॉर्मेंस देते हैं।
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