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उत्तराखंड: नंदा-गौरा कन्याधन योजना के लिए बढ़ाई गई अंतिम तारीख, जानिए कबतक करें आवेदन

Nanda Gaura Scheme महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से बालिकाओं के लिए संचालित नंदा-गौरा योजना में पात्र लाभार्थी अब 31 जनवरी तक आवेदन कर सकेंगे। योजना के तहत पात्र परिवार की दो बालिकाओं को अलग-अलग समय पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 09:17 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 09:17 AM (IST)
उत्तराखंड: नंदा-गौरा कन्याधन योजना के लिए बढ़ाई गई अंतिम तारीख, जानिए कबतक करें आवेदन
उत्तराखंड: नंदा गौरा योजना के लिए बढ़ाई गई अंतिम तारीख, जानिए कबतक करें आवेदन।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Nanda Gaura Scheme महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से बालिकाओं के लिए संचालित नंदा-गौरा योजना में पात्र लाभार्थी अब 31 जनवरी तक आवेदन कर सकेंगे। योजना के तहत पात्र परिवार की दो बालिकाओं को अलग-अलग समय पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। विभागीय राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कोरोना संकट के कारण तमाम लाभार्थी परिवारों के प्रमाणपत्र न बनने के मद्देनजर योजना में आवेदन की तिथि 31 जनवरी तक बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।

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कोरोना को मात देने के बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने विधानसभा में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। नंदा-गौरा योजना की समीक्षा के दौरान बात सामने आई कि कोविड के कारण प्रमाणपत्र न बनने के कारण बड़ी संख्या में लाभार्थी आवेदन से वंचित रह गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना में आवेदन की तिथि तत्काल बढ़ाई जाए, ताकि छूटी हुई बालिकाएं भी आवेदन कर सकें और उन्हें योजना का लाभ मिल सके।

राज्यमंत्री आर्य ने समय से बजट आवंटन न होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को हर माह टेक होम राशन (टीएचआर) न बंटने पर नाराजगी जताई। साथ ही तत्काल धनावंटन करने और भविष्य में हर माह टीएचआर अनिवार्य रूप से बांटने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं को दो-तीन माह से मानदेय न मिलने पर भी नाराजगी जताई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक जनवरी तक अनिवार्य रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय मिल जाए।

उन्होंने तेजाब पीड़ित महिलाओं को उनकी मंशा के अनुरूप रोजगार, स्वरोजगार से जोडऩे की व्यवस्था करने, केंद्र की तर्ज पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी के मद्देनजर राज्य का सॉफ्टवेयर बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को इससे बाहर लाने के लिए इन्हें गोद लिए जाने को सामाजिक संगठनों को प्रेरित किया जाए। साथ ही जिलाधिकारियों को यह निर्देश देने को भी कहा कि वे स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के लिए आवश्यकतानुसार डाइट चार्ट तैयार कराएं।

राज्यमंत्री आर्य ने अधिकारियों को विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार लाने और जनहित के कार्यों में किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सौभाग्यवती किट योजना को शीघ्र मूर्त रूप देने के लिए भी निर्देशित किया। बैठक में सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल, अपर सचिव प्रशांत आर्य, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, उप निदेशक एसके सिंह आदि मौजूद थे।

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