Move to Jagran APP

उत्तराखंड में छोटे उद्यम से पलायन रोकने की बड़ी कसरत

उत्तराखंड में छोटे-छोटे उद्यमों से पलायन से लड़ार्इ लड़ने की तैैयारी की जा रही है।एमएसएमई सूक्ष्म उद्यम घर के पास ही प्रारंभ करने के लिए युवाओं को प्रेरित करेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 03:48 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 06:08 PM (IST)
उत्तराखंड में छोटे उद्यम से पलायन रोकने की बड़ी कसरत
उत्तराखंड में छोटे उद्यम से पलायन रोकने की बड़ी कसरत

देहरादून, [अशोक केडियाल]: पहाड़ के दूरदराज के इलाकों में छोटे उद्यम लगाकर पलायन रोकने की बड़ी कोशिश की तैयारी की जा रही है। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) सूक्ष्म उद्यम घर के पास ही प्रारंभ करने के लिए युवाओं को प्रेरित करेगा। ताकि पहाड़ों के बेरोजगार युवा नौकरी के लिए मैदान की ओर पलायन करने के बजाय घर के पास ही स्वरोजगार आरंभ कर सकें। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके कच्चे माल के रूप में पारंपरिक अनाजों, फलों व जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण हैं। केवल जरूरत है तो उसकी प्रोसेसिंग की है। यदि यह योजना कारगर होती है तो पहाड़ों में युवा आर्थिक रूप से मजबूत होंगे और पलायन पर काफी हद तक ब्रेक लग सकेगा। 

loksabha election banner

सरकार एमएसएमई को रोजगार से जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर कार्य कर रही है। प्रदेश के उद्योग निदेशालय ग्रामीण युवाओं को सूक्ष्म उद्योग खोलने के लिए न केवल प्रशिक्षण देना, बल्कि उन्हें मेंटर्स की सहायता से बैंकों से ऋण लेने एवं उद्योग स्थापित करने की विस्तृत जानकारी देगा। इतना ही नहीं पहाड़ी क्षेत्रों के छात्रों एवं युवाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ाने एवं उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। 

मेंटर्स उद्यमियों को परियोजना का चयन, उद्यम स्थान के लिए भूमि का चयन, कच्चे माल की जानकारी, विपणन, बैंक, बीमा, इकाई प्रबंधन आदि निश्शुल्क उपलब्ध करवाएंगे। अभी तक एमएसएमई के अधिकतर उद्योग देहरादून, हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में ज्यादा हैं। भविष्य में चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, पिथौरागढ़ आदि जिलों में भी अधिक संख्या में खुलने आरंभ हो जाएंगे।   

एमएसएमई में पौने तीन लाख रोजगार 

प्रदेशभर में स्थापित करीब 55 हजार एमएसएमई इकाइयों में 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वर्तमान में 2.72 लाख लोगों को रोजगार मिला चुका है। जबकि प्रदेश के 273 बड़े उद्योगों में 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश है, जबकि एक लाख, एक हजार लोगों को रोजगार मिला है। 

भारती के उत्पाद ऑस्टेलिया में पसंद 

भारती व्यास ने अध्यापक की नौकरी छोड़कर भारती इंटरप्राइजेज नाम की एक संस्था बनाई है। संस्था में बनने वाले उत्पादों का नाम 'स्वाद' रखा है। उनकी संस्था में नींबू, आम की चटनी, आम का अचार, हरी मिर्च, लाल मिर्च, लहसुन का अचार, मिक्स अचार और केले व आलू के चिप्स बनाए जाते हैं। जिनकी कीमत मात्र 60 रुपये से लेकर 150 रुपये तक है। भारती व्यास के उत्पादों में मुख्य रूप से नींबू की चटनी आस्ट्रेलिया, दुबई आदि विदेशों में भी जाता है। भारती व्यास ने कहा कि हम इस संस्था में महिलाओं को ट्रेनिंग भी देते हैं, संस्था में लगभग 200 महिलाओं ने ट्रेनिंग लेकर अपना रोजगार खोला है। संस्था का कार्यस्थल एकता विहार सस्त्रधारा देहरादून में है। 

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि उद्योग निदेशालय की कोशिश है कि पलायन को रोककर राज्य का समग्र विकास हो। पहाड़ी जिले के अधिक से अधिक बेरोजगार युवा स्वरोजगार से जुड़ें इसके लिए एमएसएमई बड़े स्तर पर काम कर रहा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योग लगाने के इच्छुक पहाड़ी उद्यमियों की प्रदेश सरकार हर संभव मदद करेगी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब हुनरमंद हाथ देंगे गरीबी को मात, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: बेटा बन परिवार की जिम्मेदारी संभालने को गुलिस्तां ने चुना ई रिक्शा का साथ

यह भी पढ़ें: खेतों में पसीना बहाकर परिवार को सींचती नारी 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.