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नन्हें गजराज को राधा व रंगीली से मिली ममता की छांव

राजाजी नेशनल पार्क में सेवाएं देने वाली पालतू हथिनियां ने बेसहारा हुए इस शिशु हाथी को अपना लिया है। वह उस पर ममता की छांव भी बरसा रही हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 05:00 PM (IST)
नन्हें गजराज को राधा व रंगीली से मिली ममता की छांव
नन्हें गजराज को राधा व रंगीली से मिली ममता की छांव

देहरादून, [केदार दत्त]: भावनाएं चाहे इन्सान की हों या बेजुबानों की, ममता की भाषा कभी नहीं बदलती। बात अगर बच्चे की हो तो उस पर प्यार उमड़ना लाजिमी है। मां की मौत के बाद बेसहारा हुए इस शिशु हाथी को ही देख लीजिए। अब उसकी मां की जगह राधा व रंगीली ने भर दी है। यह दोनों राजाजी नेशनल पार्क में सेवाएं देने वाली पालतू हथिनियां हैं। इनका सानिध्य पाकर यह नन्हा गजराज मां की मौत के गम से काफी उबर गया है। वह अब दूध भी पीने लगा है। साथ ही अपनी दोनों माताओं के साथ पानी में खूब अठखेलियां करने लगा है।

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राजाजी नेशनल पार्क की चीला रेंज के हजारा कंपार्टमेंट-सात में पांच अप्रैल को तड़के मिट्टी की ढांग से गिरकर एक हथिनी की मौत हो गई थी। उसके साथ उसका डेढ़ साल का बच्चा भी था। यह नन्हा गजराज तीन घंटे तक मां के शव से लिपटकर आंसू बहाता रहा। यही नहीं, कभी चिंघाड़कर तो कभी सूंड से मां के पैरों को खींचकर उसे उठाने की कोशिश करता रहा।

इसके बाद पार्क प्रशासन ने चीला रेंज में सेवाएं दे रही पालतू हथिनियों राधा व रंगीली के जरिये नन्हे गजराज को रेसक्यू किया और फिर उसे चीला रेंज मुख्यालय ले आया गया। अच्छी बात ये रही कि राधा और रंगीली ने न सिर्फ इस शिशु हाथी को अपना लिया, बल्कि वे उसे अपने बच्चे की तरह प्यार दे रही हैं। इस तरह उसे दो माताएं मिल गईं।

पार्क के निदेशक सनातन बताते हैं कि शिशु हाथी अब अपनी मां की मौत के गम से काफी उबर गया है। राधा और रंगीली की ममता की छांव पाकर वह खुश है। उसका अपनी माताओं के साथ घूमना, चीला में बने तालाब में अठखेलियां करना इसे तस्दीक करता है।

चीला में अब छह पालतू हाथी

पार्क की चीला रेंज में छह पालतू हाथी हैं। इनमें दो वयस्क राधा व रंगीली हैं, जबकि तीन बच्चे जूही, रानी व जॉनी पहले से मौजूद हैं। नन्हा गजराज भी अब इस टोली में शामिल हो गया है। अभी इसका नामकरण होना बाकी है।

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