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गैर पंजीकृत होटल-धर्मशालाओं को भेजें नोटिस, बैठक में जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

जिला गंगा सुरक्षा समिति व रिस्पना पुनर्जीवीकरण की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों की स्वच्छता को प्राथमिकता पर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन होटल-धर्मशालाओं ने पंजीकरण नहीं कराया है उन्हें नोटिस जारी किया जाए।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 04:50 PM (IST)
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन होटल-धर्मशालाओं ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें नोटिस जारी किया जाए।

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिला गंगा सुरक्षा समिति व रिस्पना पुनर्जीवीकरण की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों की स्वच्छता को प्राथमिकता पर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन होटल-धर्मशालाओं ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें नोटिस जारी किया जाए।

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शनिवार को बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि ऋषिकेश क्षेत्र में 26 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट के तहत सभी नालों की टैपिंग की जाए। ताकि गंदगी गंगा व उसकी सहायक नदियों में न गिरने पाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 13 एमएलडी के एसटीपी की विश्लेषण आख्या उपलब्ध कराई जाए। रंभा नदी को अतिक्रमण से मुक्त करने को भी कहा गया और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण व सिंगल यूज प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए।

एमडीडीए के अधिकारियों ने बताया कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के तहत राजीव नगर-कंडोली से लेकर मोथरोवाला तक 2.4 मीटर ऊंची जाली लगाई गई हैं। इसके बाद नदी में गंदगी उड़ेलने व कूड़ा फेंकने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगा है। जिलाधिकारी ने गंगा सुरक्षा की दिशा में तमाम अन्य दिशा-निर्देश भी जारी किए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, जिला विकास अधिकारी सीएम डोभाल, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता वीएस रावत, पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता एमसी जोशी, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता राजेंद्र, एमडीडीए के अधिशासी अभियंता श्मया मोहन आदि उपस्थित रहे।

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सहकारी बैंकों में एक महीने तक बढ़ी ओटीएस योजना

उत्तराखंड सरकार ने त्योहारों के मद्देनजर सहकारी बैंकों में एनपीए खातों के लिए चलाई जा रही वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) की अवधि एक महीने बढ़ा दी है। जिन खाता धारकों के खाते एनपीए हो गए हैं, उन्हें इस योजना के तहत अपना ऋण चुकाने का मौका दिया गया है। निबंधक सहकारिता ने बताया कि सभी जिलों में मिलाकर 12 अक्टूबर तक 11 सहकारी बैंकों के पांच करोड़ 77 लाख तीन हजार रुपये 379 खाते धारकों ने ओटीएस योजना में जमा कर दिए हैं। इस ओटीएस से सहकारी बैंकों का डूबा हुआ धन तेजी से वापस आ रहा है। योजना में खातेदारों को ब्याज में छूट मिलती है और वह एक वक्त पर पैसा जमा कर कर्ज मुक्त होते हैं।

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