अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके के चलते उत्तराखंड में भी अभी नहीं बढ़ेगा डीए
केंद्र अपने कार्मिकों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की किस्त बढ़ाने पर जुलाई तक रोक लगा चुकी है। केंद्र के साथ कदमताल के चलते उत्तराखंड में भी इस पर अमल होना तय है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 महामारी को रोकने की जंग में अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके का असर अब सरकारी सेक्टर पर भी दिखना शुरू हो गया है। केंद्र सरकार बीते जनवरी माह से अपने कार्मिकों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की किस्त बढ़ाने पर जुलाई तक रोक लगा चुकी है। केंद्र के साथ कदमताल के चलते उत्तराखंड में भी इस पर अमल होना तय है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
कोरोना संकट में लॉकडाउन ने केंद्र और राज्य के वित्तीय संसाधनों को झिझोड़ दिया है। केंद्र सरकार ने अपने कार्मिकों के महंगाई भत्ते की सालाना दो किस्तों में पहली किस्त को लेकर उक्त फैसला लिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भी सरकारी कार्मिकों और पेंशनरों को भी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर फिलहाल रोक लगना तय है।
केंद्र सरकार के जुलाई में उठाए जाने वाले कदम पर राज्य सरकार की निगाहें भी टिकी हैं। वैसे भी प्रदेश में डीए बढ़ाने पर फैसला केंद्र के बाद ही लिया जाता रहा है। कोरोना महामारी से बचने के उपायों पर मौजूदा वित्तीय संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। केंद्र के पास संसाधनों की कमी का सीधा असर उत्तराखंड पर भी पड़ना है।
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बीते मार्च माह में राज्य में राजस्व वसूली की स्थिति खराब रही है। कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन भुगतान और जरूरी खर्चें के लिए राज्य सरकार बाजार से 1000 करोड़ रुपये कर्ज उठाने को विवश हुई थी। दैनिक जागरण ने बीती आठ अप्रैल को कर्मचारियों के डीए और एरियर भुगतान पर असर पड़ने के संकेत दे दिए थे। संपर्क करने पर वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि डीए पर केंद्र सरकार का फैसला आया है। अभी प्रदेश सरकार के स्तर पर इस पर विचार शुरू नहीं हुआ है।
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