चारधाम राजमार्ग परियोजना पर एनजीटी ने लगाई फटकार
ऑल वेदर रोड में सड़क कटान से निकलने वाले मलबे के निस्तारण का प्लान दाखिल न करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को फटकार लगाई है।
देहरादून, [जेएनएन]: चारधाम राजमार्ग परियोजना (ऑल वेदर रोड) में सड़क कटान से निकलने वाले मलबे के निस्तारण का प्लान दाखिल न करने पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को फटकार लगाई है। इसके साथ ही एनजीटी ने पेड़ों के कटान पर लगाई गई रोक को बरकरार रखते हुए अब 19 अप्रैल को सुनवाई करने की बात कही है। केंद्र सरकार को इस सुनवाई में राहत इसलिए भी नहीं मिल पाई कि जवाब दाखिल करने के लिए कोई भी सक्षम प्राधिकारी कोर्ट में उपस्थित ही नहीं हो पाए।
एनजीटी में यह सुनवाई सिटीजन फॉर ग्रीन दून की याचिका पर की जा रही है। एनजीओ का कहना है कि करीब 900 किलोमीटर लंबी यह परियोजना केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री राजमार्ग के सुधारीकरण व चौड़ीकरण की है। इसमें अब तक 25 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं और इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों के कटान के बाद भी एनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट (ईआइए) नहीं कराया जा रहा। इससे बचने के लिए सरकार टुकड़ों में काम कर रही है। दूसरी तरफ जहां सड़क का कटान किया जा रहा है, मलबा भी वहीं आसपास के जंगल में उड़ेला जा रहा है। इससे वनों को खतरा पैदा हो गया है और नए भूस्ïखलन क्षेत्र भी बन रहे हैं। भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र होने से खतरा और बढ़ गया है।
प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जे रहीम ने सरकार की तरफ से की जा रही हीलाहवाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अपेक्षा की कि मंत्रालय अगली सुनवाई को ठोस जवाब प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा पीठ ने याद दिलाया कि पिछली साल इसी तरह की एक याचिका का निस्तारण कर दिया गया था। तब बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) ने भरोसा दिलाया था कि परियोजना में सभी नियमों और खासकर भागीरथी ईको-सेंसिटिव जोन नोटिफिकेशन (18 दिसंबर 2012) का अनुपालन किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: एनजीटी ने इस मामले में दी उत्तराखंड के मुख्यसचिव को राहत
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड को वैज्ञानिकों की चेतावनी, अनदेखी पड़ सकती है भारी