न्यूज बुलेटिनः सुबह नौ बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें
सुबह नौ बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें। जवां उम्मीदों के साथ 18वें वर्ष में दाखिल उत्तराखंड। राज्य स्थापना दिवस: सियासी स्थिरता का साल।
जवां उम्मीदों के साथ 18वें वर्ष में दाखिल उत्तराखंड
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आज गुरुवार को उत्तराखंड 18वें वर्ष में प्रवेश कर गया। इस वक्फे में सालाना 1.62 लाख करोड़ जीएसडीपी और 1.60 लाख प्रति व्यक्ति आमदनी समेत आर्थिकी के चमकदार आंकड़ों के बूते राज्य ने देश में अपनी विशेष पहचान कायम की। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चार धाम रेलवे नेटवर्क और नई केदारपुरी जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बूते आर्थिक हैसियत के साथ ही अपार संभावनाओं वाले पर्यटन क्षेत्र के विकास बड़ा आधार बनने की उम्मीदें जवां हुई हैं।
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2.राज्य स्थापना दिवस: सियासी स्थिरता का साल
विकास धूलिया। देहरादून, कैशौर्य से जवानी की ओर अग्रसर उत्तराखंड सत्रहवें साल में परिपक्व हो गया। जी हां, सियासी नजरिये से देखा जाए तो यह सौ फीसद सच है। सोलहवें साल में उत्तराखंड ने जो उठापटक देखी, उसका नतीजा यह हुआ कि सूबे के अवाम ने राज्य गठन के बाद पहली बार ऐसा फैसला दिया, जिसके गहरे निहितार्थ माने जा सकते हैं।
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3.राज्य के हालात सुधारने को मजबूत इच्छाशक्ति की दरकार
केदार दत्त, देहरादून। किसी भी राज्य को संवारने के लिए 17 साल का वक्फा कम नहीं होता, लेकिन इस लिहाज से देखें तो विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। राज्य गठन के पीछे जो महत्वपूर्ण मुद्दे थे, वे आज भी जस के तस हैं। फिर चाहे बात राज्य से निरंतर हो रहे पलायन की हो अथवा लगातार बंजर में तब्दील होती कृषि भूमि की अथवा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे सवालों की, सभी की दशा किसी से छिपी नहीं है।
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4.कुदरत के खजाने पर बंदिशों का साया
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। कुदरत ने जंगल और जल जैसे जिस अकूत खजाने से उत्तराखंड को भरपूर नवाजा, वह राज्य को सेहतमंद और खुशहाल बनाने में इस्तेमाल होना तो दूर, उल्टा बंदिशों को सबब बन गया है। उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य होगा जो अपने प्राकृतिक संसाधनों पर सिर्फ इतरा ही सकता है। इस हिमालयी राज्य की आर्थिकी को संवारने के लिए इन संसाधनों का कैसे सदुपयोग किया जाए, इसकी चिंता केंद्र सरकार को भी नहीं है।
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5.दशा और दिशा को लेकर टिकी सरकार पर नजर
विकास गुसाईं, देहरादून। राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों की नजरें सरकार पर टिकी हुई हैं। यह नई सरकार का पहला स्थापना दिवस है। इस लिहाज से पिछले सात महीनों में प्रदेश के विकास के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए और भविष्य की क्या योजना है, इस सवाल का जवाब सरकार को जनता को देना है। राज्य स्थापना दिवस इसके लिए सबसे मुफीद समय है।