Budget 2020: नए बजट से उत्तराखंड में एमएसएमई उद्योग को लगेंगे पंख, पढ़िए पूरी खबर
बजट में किए गए प्रविधान प्रदेश में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने में अहम साबित हो सकते हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार के बजट में किए गए प्रविधान प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने में अहम साबित हो सकते हैं। नए बजट के प्रविधानों से न केवल एमएसएमई के क्षेत्र में निवेश कर रहे उद्योगों को आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़ेगा, वहीं ऑडिट की सीमा एक करोड़ से पांच करोड़ कर एक बड़ी राहत दी गई है। स्टार्ट अप में टैक्स सर्टिफिकेट से राहत देकर इन्हें आगे बढऩे का मार्ग भी प्रशस्त किया गया है।
उत्तराखंड में बीते वर्षों में सरकार ने एमएसएमई में खासा फोकस किया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य गठन के बाद जहां प्रदेश में जहां तकरीबन दो हजार एमएसएमई उद्योग थे वो आज बढ़कर तीन लाख के आंकड़े को छू रहे हैं। इसमें उत्पादन व सर्विस सेक्टर के उद्योग शामिल हैं। स्टेट लेवल बैंकर्स समिति की हालिया बैठक में इससे संबंधित आंकड़े भी प्रस्तुत किए गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अभी उत्पादन क्षेत्र में 48976 उद्योग और सर्विस क्षेत्र में 250122 उद्योग कार्यरत हैं। इन्हें प्रदेश के बैंकों द्वारा 15,844 करोड़ रुपये का ऋण भी दिया गया है। इससे एमएसएमई के प्रति बढ़ते रुझान की भी झलक मिलती है।
केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट में इस बार इन्हें खासी राहत दी गई है। इसके तहत एमएसएमई के तहत कार्यरत इकाइयों को कई बार बिल भुगतान में होने वाली देरी के चलते आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। अब वे उत्पादों के लिए जारी बिल के सापेक्ष लोन ले सकेंगे। इससे उनका काम बदस्तूर चलता रहेगा। इसके अलावा इक्विटी सपोर्ट के लिए भी सीमा तय की जा रही है तो इस उद्योग को खासी राहत देगा।
ऑडिट में छूट की सीमा एक करोड़ से पांच करोड़ करने से अब उद्योगपतियों को सीए के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और इसमें समय भी जाया नहीं होगा। हालांकि, इसके लिए यह जरूरी है कि नगद लेनदेन पांच प्रतिशत से अधिक न हो। इससे डिजिटल लेन देने को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। निर्यात करने वाले उद्योगों को सहारा देने की बात से भी उत्तराखंड के उद्योगों को राहत मिली है। यहां के फार्मा और ऑटोमोबाइल सेक्टर को इससे खासी राहत मिलेगी और इन उद्योगों के लिए नए निवेशक भी आगे आएंगे।
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वहीं, नए स्टार्ट अप में टैक्स में छूट देेने से युवा और नए उद्यमियों को आगे आने में मदद करेगा। जानकारों का मानना है कि ईएसओपी (एम्प्लाई स्टॉक ऑप्शन प्लान) पर कर्मचारियों पर लगने वाले टैक्स को पांच साल के लिए टालने से स्टार्टअप पर वित्तीय भार को घटाने में मदद मिलेगी और यह स्टार्टअप आरंभ करने वालों को प्रोत्साहित करेगा। वहीं, उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि बजट में एमएसएमई सेक्टर और नए स्टार्ट अप के लिए कई अच्छे प्रविधान किए गए हैं। इससे निश्चित तौर पर प्रदेश में एमएसएमई के क्षेत्र में तेजी आएगी और स्टार्ट अप की संख्या बढ़ेगी।
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