माह-ए-रमजान: जुमे की नमाज अदा कर मांगी अमन-चैन की दुआ
इस पाक माह की अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई। मस्जिदों में सामूहिक रूप से देश के अमन-चैन की दुआ मांगी।
देहरादून, जेएनएन। रमजान का महीना रहमतों की बारिश कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार को इस पाक माह की अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई। मस्जिदों में सामूहिक रूप से देश में अमन-चैन की दुआ मांगी। मस्जिदों में इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।
शहर की मस्जिदों में नमाज से पहले उलमा ने रमजान के आखिरी अशरे के महत्व को बयां कर रोजेदारों से समय से जरूरतमंदों को जकात और फितरा अदा करने की अपील की। पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद में शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि गरीबों को जकात और फितरा अदा करने से लोगों के घरों में खुशियां आती हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को शबे कद्र की रात है। यह रात हजार महीनोंं की इबादत के बराबर है। इसलिए इस दिन अल्लाह की खूब इबादत करनी चाहिए।
कंडोली स्थित साबरी मस्जिद में सुन्नी शहर काजी सैय्यद अशरफ हुसैन ने कहा कि अल्लाह ने मालदारों पर जकात फर्ज की है। वहीं, सदका-ए-फितरा हर मुसलमान मर्द, औरत और बच्चों पर वाजिब है। बताया कि इस बार फितरा औसत दर्जे गेहूं के मुताबिक 40 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके अलावा मुस्लिम कॉलोनी, धामावाला, ईसी रोड, आजाद कॉलोनी, मेहूंवाला, भुड्डी, कांवली, माजरा, निरंजनपुर स्थित मस्जिद में नमाज अदा की गई।
छतों और मस्जिदों के बाहर टेंट लगाकर अदा की नमाज
नमाजियों की संख्या ज्यादा होने के कारण छतों और मस्जिदों के बाहर टेंट लगाकर और सफे बिछाकर भी नमाज अदा की गई। घरों में इफ्तार के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाए गए।
बाजारों में हुई इत्र और कपड़ों की खरीदारी
बाजारों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कपड़े और इत्र की खरीदारी की। अलविदा जुमा को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद ने अलविदा-अलविदा मिन शहरे रमजान का खुतबा दिया था। इसलिए आज भी मस्जिदों के इमाम अलविदाई खुतबा पढ़ते हैं।
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