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MS Dhoni Retirement: उत्‍तराखंड को महेंद्र सिंह धौनी से अपनी माटी की ओर लौटने की उम्मीद

MS Dhoni Retire महेंद्र सिंह धौनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब उनके प्रशंसक चाहते हैं कि वह उत्तराखंड वापस आकर अपनी माटी से जुड़ें।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 09:58 PM (IST)
MS Dhoni Retirement: उत्‍तराखंड को महेंद्र सिंह धौनी से अपनी माटी की ओर लौटने की उम्मीद
MS Dhoni Retirement: उत्‍तराखंड को महेंद्र सिंह धौनी से अपनी माटी की ओर लौटने की उम्मीद

देहरादून, विकास गुसाईं। MS Dhoni Retirement भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब उनके प्रशंसक चाहते हैं कि वह उत्तराखंड वापस आकर अपनी माटी से जुड़ें। धौनी मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उनका जैविक खेती से लगाव है और पहाड़ी खाना भी उन्हें पसंद है। प्रशंसकों का मानना है कि यदि धौनी उत्तराखंड आते हैं तो यहां न केवल जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पलायन को थामने में भी मदद मिलेगी। यदि वह उत्तराखंड में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाते हैं, तो यह प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी।

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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ल्वाली गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी साक्षी धौनी का घर देहरादून के डालनवाला क्षेत्र में है। चार जुलाई 2010 को उन्होंने देहरादून के ही एक रिजॉर्ट में शादी रचाई थी। वह देहरादून और मसूरी अकसर आते-जाते रहते हैं। यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण से पहले महेंद्र सिंह धौनी देहरादून के रेंजर्स मैदान पर होने वाले गोल्ड कप में भी अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी का जौहर दिखा चुके हैं।

महेंद्र सिंह धौनी को वर्ष 2010 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उत्तराखंड में सेव टाइगर प्रोजेक्ट का मानद वार्डन और कार्बेट नेशनल पार्क का ब्रांड एंबेसडर बनाया था। यह बात दीगर है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी व्यस्तता के कारण वह ब्रांड एंबेसडर के रूप में सक्रिय भूमिका में नजर नहीं आए। इसके अगले वर्ष विश्व कप जीतने पर प्रदेश सरकार ने धौनी व सचिन को मसूरी में जमीन देने की घोषणा की। हालांकि यह घोषणा अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है। अब धौनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनके भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इनमें से एक जैविक खेती को लेकर है। दरअसल, धौनी ने रांची स्थित अपने फार्म हाउस में कुछ समय पहले जैविक खेती शुरू की है। इसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर भी साझा की। उत्तराखंड को जैविक खेती के लिए मुफीद माना जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला मंडुवा और झंगोरा पौष्टिकता से भरपूर हैं। माही भी इसके मुरीद हैं। उनके प्रशंसक मानते हैं कि यदि वे इसमें अपना हाथ अजमाते हैं तो फिर उत्तराखंड में भी जैविक खेती की तस्वीर बदल सकती है।

  • त्रिवेंद्र सिंह रावत (मुख्यमंत्री, उत्तराखंड) का कहना है कि महेंद्र सिंह धौनी क्रिकेट का एक बड़ा नाम हैं। वह अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते रहे हैं। एक साधारण परिवार से आकर उन्होंने क्रिकेट में असाधारण उपलब्धियां हासिल की। वह झारखंड ही नहीं, पूरे देश और दुनिया में लोकप्रिय हैं। मूल रूप से वह उत्तराखंड के हैं। क्रिकेट के बाद यदि वह उत्तराखंड आकर किसी भी क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं, तो यह खुशी की बात होगी। यहां जैविक खेती से लेकर क्रिकेट तक में करने के लिए काफी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार उन्हें हर तरह की मदद देने को तैयार है।
  • जोत सिंह गुनसोला (अध्यक्ष क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, सीएयू) का कहना है कि महेंद्र सिंह धौनी मात्र एक क्रिकेटर नहीं हैं। वह छोटे शहरों और सामान्य परिवार से आने वाले उन करोड़ों लोगों की हिम्मत हैं, जिनमें कुछ बड़ा करने का जज्बा है। धौनी का मूल उत्तराखंड का है। यदि वह यहां आते हैं तो निश्चित रूप से प्रदेश के क्रिकेट को नई दिशा मिलेगी।

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  • महिम वर्मा (सचिव सीएयू) का कहना है कि अगर धौनी उत्तराखंड आकर यहां के खिलाड़ि‍यों के लिए कुछ करें तो यह प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी। अगर धौनी ऐसा करते हैं तो सीएयू उनकी पूरी मदद करने को तैयार है। धौनी ने भारतीय क्रिकेट पर एक बड़ी छाप छोड़ी है। उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

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