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छेड़छाड़ से परेशान महिला ने चलते विक्रम से कूदकर बचाई अस्मत

एक महिला से चलते विक्रम में छह लोगों ने छेड़छाड़ कर दी। चालक ने विक्रम नहीं रोका तो उसने चलते विक्रम से कूदकर अपनी अस्मत बचाई।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 09:59 AM (IST)
छेड़छाड़ से परेशान महिला ने चलते विक्रम से कूदकर बचाई अस्मत
छेड़छाड़ से परेशान महिला ने चलते विक्रम से कूदकर बचाई अस्मत

देहरादून, [जेएनएन]: सहारनपुर चौक से अपने घर ब्रहमपुरी जा रही एक महिला से चलते विक्रम में छह लोगों ने छेड़छाड़ कर दी। महिला के कहने के बाद भी जब चालक ने विक्रम नहीं रोका तो महिला चलते विक्रम से छलांग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से रूप से घायल हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने महिला को महंत इंद्रेश अस्पताल पहुंचाया और विक्रम का पीछा कर उसे लाल पुल पर दबोच लिया। पुलिस ने विक्रम चालक को हिरासत में ले लिया है। जबकि अन्य आरोपित फरार हो गए।  

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जानकारी के मुताबिक, प्रीति पत्नी भूपेंद्र कुमार साढ़े चार बजे अपने घर से सहारनपुर चौक स्थित बाबा रामदेव के स्टोर में दवाई लेने गई थीं। वहां से करीब साढ़े छह बजे वह विक्रम में बैठकर अपने घर आ रही थीं। प्रीति के मुताबिक, जिस समय वह विक्रम में बैठीं, उस दौरान पहले से ही छह लोग विक्रम में बैठे हुए थे। 

बैठते ही आरोपितों ने उनके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। विरोध करने पर भी जब वह नहीं माने तो वह चिल्लाने लगीं और चालक से विक्रम रोकने को कहा, लेकिन चालक ने विक्रम रोकने के बजाय गति बढ़ा दी। जिससे वह घबरा गई और उन्होंने विक्रम से छलांग लगा दी। गिरते ही वह बेहोश हो गई। 

इसी बीच आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और विक्रम का पीछा कर लालपुल पर रोक लिया। इसी बीच कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची लक्ष्मण चौकी पुलिस ने आरोपित विक्रम चालक को हिरासत में ले लिया। विक्रम चालक की पहचान सुक्रांत पुत्र धर्म सिंह निवासी पटेलनगर के रूप में हुई है। 

उधर, घटना की सूचना मिलते ही सीओ सिटी चंद्रमोहन सिंह नेगी, कोतवाल बीबीडी जुयाल आदि चौकी पहुंचे और चालक व महिला के पति से पूछताछ की। फिलहाल छेड़छाड़ करने वाले आरोपितों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि विक्रम चालक से पूछताछ के साथ ही आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांचकर आरोपितों की पहचान की जा रही है। 

नहीं जानता, कौन लोग बैठे थे विक्रम में 

पुलिस पूछताछ में विक्रम चालक ने बताया कि वह विक्रम चला रहा था। विक्रम में सभी सवारियां थीं। उसे नहीं पता कि आरोपित कौन लोग थे। दो सवारियों को उसने बर्फखाने के पास, जबकि चार को उसने लालपुल के पास उतारा था। उसने बताया कि महिला ने उसे आवाज नहीं दी। 

जब महिला कूदी तो वहां काफी लोग मौजूद थे। भीड़ उसकी पिटाई न कर दे, इसलिए उसने विक्रम को भगा दिया था। जबकि महिला का कहना है कि उसने कई बार चालक को आवाज दी थी। जब चालक ने विक्रम नहीं रोका, तब उसने छलांग लगाई।

सफेदपोशों की सरपरस्ती में विक्रमों की धींगामुश्ती

दून शहर में विक्रम संचालकों की 'दादागिरी' से शायद ही कोई इंसान हो जो अछूता रहा हो। सड़क पर झुंड बनाकर, बेकाबू रफ्तार और ओवरलोड चलना तो इनका शगल था ही, अब सरेराह चालकों की गुंडागर्दी तक सामने आने लगी है। किराए को लेकर हुए विवाद के मामले तो आम थे, लेकिन इनमें अब अकेली महिला सवारी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

चालकों पर महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप तो लगते रहे हैं पर मंगलवार देर शाम हुए ताजा मामले ने पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। महिला सवारी से छेड़छाड़ एवं फिर उसके अपहरण का प्रयास। सबसे बड़ा सवाल ये है कि ऐसी घटनाओं के बावजूद पुलिस व परिवहन विभाग विक्रमों के प्रति नरम क्यों है। इसका सीधा सा जवाब है सफेदपोश। सफेदपोशों के संरक्षण में चल रहे विक्रमों पर विक्रम चालक बेधड़क धींगामुश्ती कर रहे और पुलिस व प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है।

शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ने की अहम वजह विक्रम को ही माना जाता है। ओवरलोड, बेलगाम गति व तेज-म्यूजिक बजाना, यहां-वहां गलियों में घुसकर जाम लगाना व यातायात अवरुद्ध करना विक्रमों का शगल है। यूं तो शहर में सिटी बसें व ऑटो भी दौड़ते हैं, मगर धींगामुश्ती सिर्फ विक्रमों की चलती है। झुंड बनाकर चलना व जरा-जरा सी बात पर मारपीट पर उतारू हो जाना इनके लिए आम बात है। 

हालांकि यह भी सच है कि सार्वजनिक परिवहन व सस्ते किराये में विक्रमों के अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं है। शहर में सिटी बस के साथ ही विक्रम व ऑटो दौड़ते हैं। यूं तो बड़े शहरों में परिवहन के लिए सिटी बस सबसे मुफीद मानी जाती है, लेकिन दून में तस्वीर उलट है। यहां लोग विक्रमों में ही बड़ी संख्या में सफर करते हैं। 

यही वजह है कि विक्रम संचालकों को राजनीतिक संरक्षण हासिल है। अकसर ये देखने को मिला है कि जब कभी परिवहन विभाग या पुलिस ने इनके विरुद्ध कार्रवाई की कोशिश की तो विधायक तक कार्रवाई के विरोध में उतर आए। सूत्रों की मानें तो शहर के कईं बड़े नेताओं के एक-दो नहीं बल्कि छह-छह विक्रम दौड़ रहे हैं। 

दादागिरी व फर्जीवाड़े में माहिर

दून में विक्रम संचालकों की दादागिरी सिर्फ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत मारपीट और हंगामे तक ही सीमित नहीं है। बल्कि फर्जीवाड़े में भी माहिर हैं। हालत ये हैं कि शहर में विक्रमों के 774 परमिट जारी हैं, लेकिन दौड़ते 1077 विक्रम हैं। असल में 303 विक्रम फर्जी कागजों पर दौड़ रहे हैं। तीन साल पूर्व  मामला सामने आने पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई की तो कुछेक फर्जी विक्रम बंद हुए, लेकिन इन पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सका। बीते दिनों ही एक ऐसा विक्रम पकड़ा गया था जो ऑटो के नंबर पर चल रहा था।

खुद बढ़ा दिया था किराया

इनकी दादागिरी का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि परिवहन विभाग के फैसले से पहले ही उन्होंने किराया बढ़ा दिया था। पिछले माह विक्रम संचालकों ने न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ा 10 रुपये कर दिया। दरअसल ओवरलोडिंग के विरुद्ध चल रही चेकिंग की कार्रवाई में परिवहन विभाग ने विक्रम में तय संख्या से अधिक सवारी बैठाने पर रोक लगा दी थी। 

इसकी खीज चालकों ने सवारी पर उतारी। अगले ही दिन परिवहन विभाग ने कार्रवाई की तो बढ़ा किराया वापस लेना पड़ा। दरअसल, विक्रम चालक पीछे वाली दोनों सीट पर चार-चार सवारी बैठाते हैं, जबकि नियम के तहत इन पर तीन-तीन सवारी बैठाई जा सकती हैं। इतना ही नहीं विक्रम कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के हैं लेकिन संचालन स्टेज कैरिज परमिट में कर रहे। 

ये है शहर में विक्रमों के हाल 

- सड़कों पर झुंड बनाकर चलना है विक्रमों का शगल

- ठेका परमिट होने के बावजूद धड़ल्ले से स्टेज कैरिज में दौड़ रहे विक्रम

- तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम व प्रेशर हॉर्न बजाते हुए निकलते हैं

- छह सवारियों के परमिट पर विक्रम में बैठती हैं 10 सवारियां

- सड़क पर कोई नियम-कायदे का नहीं करते अनुपालन 

- ओवरलोड होने के बावजूद सड़कों पर बेकाबू गति से दौड़ते हैं विक्रम

- एक परमिट पर शहर में गैर-कानूनी ढंग से दौड़ते हैं दो-दो विक्रम

- फिटनेस जांच के दौरान गायब होती है चालक के बगल वाली सीट, जबकि सड़क पर इसी सीट पर बैठी होती हैं दो सवारी

- हाई कोर्ट के आदेशों को अनदेखा कर शहर में दौड़ रहे विक्रम

- विक्रम में लगे एंगल से सड़क पर कारों को लगती है रगड़

लाइसेंस होगा निरस्त 

एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे के मुताबिक आरोपी चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इसके साथ-साथ विक्रम का परमिट निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।

युवती को जबरन साथ ले जाने का प्रयास

चुक्खूवाला के इंदिरा नगर कॉलोनी में एक युवक ने युवती को जबरन साथ ले जाने का प्रयास किया। आरोप है कि युवती के मना करने पर युवक जान से मारने की धमकी दी। तहरीर के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चुक्खूवाला निवासी एक युवती स्कूटी से जा रही थी। इसी दौरान आरोपित सार्थक कैंथोला ने उसे रोका और जबरन अपने साथ ले जाने का प्रयास करने लगा। जब युवती ने इसका विरोध किया तो उसने युवती के साथ गालीगलौच शुरू कर दी। आरोपित युवक युवती को जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया। 

सूचना पर धारा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। काफी तलाश के बाद युवक को पकड़कर चौकी लाया गया। जहां युवक ने जमकर हंगामा किया। बाद में युवती की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। 

धारा चौकी प्रभारी कुलदीप पंत ने कहा कि दोनों काफी दिनों से एक-दूसरे को जानते हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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