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    विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पेजयल समस्या से प्रभावित गांवों का किया दौरा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 19 Jun 2020 04:58 PM (IST)

    क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ गर्मी में पेयजल किल्लत की समस्या से जूझ रहे गांवों का दौरा किया।

    विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पेजयल समस्या से प्रभावित गांवों का किया दौरा

    विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ गर्मी में पेयजल किल्लत की समस्या से जूझ रहे गांवों का दौरा किया। उन्होंने नवाबगढ़ में लगने वाले एक नए टयूबवैल के लिए जगह तलाशने के काम का जायजा लिया।

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    उन्होंने कहा टयूबवैल ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाना चाहिए, जहां से पेयजल की किल्लत से प्रभावित क्षेत्रों को आपेक्षित मात्रा में पानी की सप्लाई दी जा सके। उन्होंने कहा पेयजल की समस्या सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, जिस पर निरंतर काम चल रहा है। विधानसभा क्षेत्र में जहां-जहां भी पानी की किल्लत की शिकायतें मिल रही हैं। उनके समाधान के लिए प्रयास जारी हैं। 

    उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों को पेयजल संबंधी छोटी-छोटी शिकायतों को तुरंत दूर करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में ग्राम भीमावाला, लक्खनवाला, जमनीपुर, एटनबाग आदि में कई स्थानों पर पहले से लगे हैंडपंप पर मोटर लगाकर उनसे पानी की अधिक सप्लाई को शुरू किया गया। 

    विधायक ने कहा जब तक पेयजल की समस्या का उचित समाधान नहीं हो पाता, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था से लोगों की परेशानी को कम किया जा रहा है। इस दौरान जलकल अभियंता एपी सिंह, खंड शिक्षाधिकारी बीपी सिंह, एबीओ हिमांशु श्रीवास्तव, ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह बिटटु, अली अहमद, नवाब अली, चंद्र मोहन तोमर, इस्तखार, सुरेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।

    क्वानू में दशकों पुराने टोंस के मोटर पुल निर्माण की आस जगी

    लोनिवि के अधीक्षण अभियंता ने क्वानू क्षेत्र में अधीनस्थ कर्मियों के साथ टोंस नदी पर प्रस्तावित मोटर पुल निर्माण के लिए स्थलीय निरीक्षण किया। लोनिवि अधिकारियों ने ग्रामीणों से चयनित स्थल के बारे में जानकारी जुटाई। आला अफसरों के दौरे से क्वानू में दशकों पुरानी मोटर पुल निर्माण की कवायद तेज हो गई है। जिससे लोगों को आने वाले समय में पुल बनने की उम्मीद जागी है।

    उत्तराखंड व हिमाचल राज्य के सीमावर्ती गांवों को आपस में जोडऩे के लिए क्वानू में टोंस नदी प्रस्तावित मोटर पुल निर्माण की मांग लंबे समय से की जाती रही है। जिससे दोनों राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बसे सैकड़ों ग्रामीण किसान अपनी कृषि उपज को बाजार में बेचने के लिए आसानी से ले जा सकें। मोटर पुल बनने से दोनों राज्य के किसानों के बीच आपसी तालमेल होने के साथ आवागमन में आसानी रहेगी। मोटर पुल नहीं होने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोग टोंस में एक छोर से दूसरे छोर पर बंधी लोहे की तार के सहारे आर-पार होते हैं। 

    ऐसे में यहां कब कोई बड़ा हादसा हो जाए इसका खतरा हमेशा बना रहता है। दशकों से मोटर पुल निर्माण की मांग करते आ रहे सीमा क्षेत्र में बसे लोगों की समस्या जल्द दूर होने की उम्मीद जगी है। स्थानीय लोगों की मांग पर जिलापंचायत अध्यक्ष मधु चौहान व विकासनगर विधायक मुन्ना  सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जनता की समस्या बताई थी। जिलापंचायत अध्यक्ष व विधायक की पहल से सरकार के निर्देशन में गुरुवार को लोनिवि के अधीक्षण अभियंता बीएल चौधरी अधीनस्थ कर्मियों के साथ स्थलीय निरीक्षण को मौके पर पहुंचे। 

    दौरे पर आए लोनिवि के आला अफसरों ने क्वानू के पास टोंस नदी पर प्रस्तावित मोटर पुल निर्माण के  लिए जगहों को देखा। अधिशासी अभियंता लोनिवि साहिया डीपी सिंह ने कहा क्वानू में प्रस्तावित मोटर पुल निर्माण को तीन जगह टोंस में भूमि देखी गई है। जिसमें उपयुक्त स्थल का चयन कर डीपीआर तैयार की जाएगी। क्वानू निवासी जौनसार-बावर महासभा के अध्यक्ष मुन्ना राणा ने कहा टोंस पर मोटर पुल बनने से दोनों राज्य के करीब बीस गांवों के सैकड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। 

    जिससे किसान अपनी कृषि उपज बेचने के लिए सीमा से सटे हिमाचल के शिलाई बाजार आसानी से ले जा सकेंगे। जौनसार के क्वानू में सबसे उपयुक्त कृषि भूमि है। यहां लोग बड़े पैमाने पर अदरक, टमाटर व अन्य नकदी फसलों को उत्पादन करते हैं। जिसे बेचने के लिए 70 से सौ किमी दूर विकासनगर व देहरादून मंडी ले जाना पड़ता है। जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल के शिलाई बाजार की दूरी महज सात किमी है। 

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    इससे लोगों को आपातकालीन समय में उपचार के लिए मीलों दूर विकासनगर जाने के बजाए शिलाई अस्पताल नजदीक पड़ेगा।  पुल बनने से दोनों राज्य के लोगों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा। इस दौरान बीडीसी मेंबर श्यामदत्त शर्मा, जयपाल सिंह चौहान, अतर सिंह, मातबर सिंह, सरदार सिंह, खजान तोमर, मोहर सिंह, संदीप चौहान, नरेंद्र राणा, विक्रम सिंह, बीआर जोशी आदि मौजूद रहे।

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