देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव में बनेगा स्मारक
पौड़ी जिले में जनरल रावत के पैतृक गांव सैंणा में सैनिक कल्याण और पर्यटन विभाग मिलकर स्मारक का निर्माण कराएंगे ताकि युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा ले सके। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह जानकारी दी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की यादों को संजोए रखने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है। पौड़ी जिले में जनरल रावत के पैतृक गांव सैंणा में सैनिक कल्याण और पर्यटन विभाग मिलकर स्मारक का निर्माण कराएंगे, ताकि युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा ले सके। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनरल रावत ने पूर्व में अपने पैतृक गांव में बसने की इच्छा जताई थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने हाल में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के देहरादून आगमन पर उनसे हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने भी जनरल रावत की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह देश के लिए समर्पित थे। उनकी नेतृत्व क्षमता अद्भुत थी। महाराज ने कहा कि जनरल रावत को उत्तराखंड की लगातार चिंता रहती थी। महाराज ने बताया कि पूर्व में जब वह संसद की रक्षा संबंधी समिति के अध्यक्ष थे, तब उनके द्वारा सीडीएस की नियुक्ति, वन रैंक-वन पेंशन, सेटेलाइट से संबंधित सुझाव दिए थे।
गुराड में बनेगा तीलू रौतेली म्यूजियम
महाराज ने बताया कि वीरांगना तीलू रौतेली के पैतृक गांव गुराड में उनके घर को अधिग्रहीत किया जा रहा है। उनके घर को म्यूजियम में बदला जाएगा। साथ ही वहां स्मारक भी बनेगा।
अमृता रावत नहीं लडेंगी चुनाव
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अबकी बार 60 पार का लक्ष्य हासिल करेगी। पूछे जाने पर महाराज ने कहा कि चुनाव में उनकी पत्नी एवं पूर्व मंत्री अमृता रावत चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि यदि उनके पुत्र की राजनीति में आने की इच्छा होगी तो वे आएंगे।
कांग्रेस ने नहीं किया संत का सम्मान
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत की ओर से भाजपा व प्रदेश सरकार को निशाने पर लिए जाने संबंधी प्रश्न पर महाराज ने कहा कि हरीश रावत पर क्या टिप्पणी की जाए। महाराज ने कहा कि वर्ष 2014 में जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी तो तब ये कहा था कि संत के जाने से प्रभाव पड़ता है। कांग्रेस एक संत का सम्मान नहीं कर सकी, इसीलिए आज उसकी स्थिति खराब है।
यह भी पढ़ें:- विजय दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, कहा-हमारी सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए कर रही काम