खुद के साथ हुई ठगी तो इसी राह पर चलने का ले लिया फैसला, दोस्तों संग गिरोह बना ठगने लगा लोगों को
शिमला बाईपास चौक स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर नवीन जैन के साथ 30 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का सदस्य रामस्वरूप भी कभी धोखाधड़ी का शिकार हुआ था। किसी ने ज्यादा रुपये देने का लालच देकर उससे 10 हजार ठग लिए थे।
देहरादून, जेएनएन। शिमला बाईपास चौक स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के बाहर नवीन जैन के साथ 30 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का सदस्य रामस्वरूप भी कभी धोखाधड़ी का शिकार हुआ था। किसी ने ज्यादा रुपये देने का लालच देकर उससे 10 हजार ठग लिए थे। इस घटना के बाद रामस्वरूप ने अपने दोस्त तरनजीत सिंह और गुड्डू के साथ गिरोह बना लिया और ठगी करने लगा।
धोखाधड़ी का शिकार हुआ तो खुद भी इसी राह पर चल पड़ा। ये किसी फिल्म की कहानी नहीं है, बल्कि असल जिंदगी में ऐसा देखने को मिला है। धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का एक सदस्य रामस्वरूप कभी इसका शिकार हुआ था और फिर उसने भी इसी राह पर चलने का सोच लिया। इसके बाद उसने खुद का एक गिरोह बना लिया और लोगों को ठगने लगा।
पुलिस के अनुसार आरोपितों ने बताया कि अब तक वह उत्तर प्रदेश और पंजाब में पांच से अधिक ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इसी शुक्रवार को उन्होंने सहारनपुर में एक व्यक्ति से 52 हजार रुपये की ठगी की थी। पटेलनगर कोतवाली के इंस्पेक्टर प्रदीप बिष्ट ने बताया कि फरार हुए आरोपित की पहचान रामदरश निवासी लुधियाना के रूप में हुई है। वहीं, दूसरी तरफ, पुलिस ने गिरफ्तार किए गए रामस्वरूप, तरनजीत और गुड्डू को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
ये है मामला
शनिवार को अमनलोक, चंद्रबनी के रहने वाले नवीन जैन बैंक में रुपये जमा करने गए थे। वहां रामस्वरूप, तरनजीत, गुड्डू और रामदरश ने उन्हें 30 हजार के बदले दो लाख रुपये देने की बात कहकर उनसे 30 हजार रुपये ठग लिए थे। पुलिस ने नाकाबंदी कर नया गांव क्षेत्र से रामस्वरूप, तरनजीत और गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया था।
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