पॉलीथिन बिकती देख चढ़ा महापौर का पारा, दुकानदारों को बांटे कपड़े के थैले
महापौर सुनील उनियाल गामा ने खुलेआम पॉलीथिन बिकती देखी। उनका पारा गरम हो गया और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने दुकानदारों को कपड़े के थैले भी बांटे।
देहरादून, जेएनएन। शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने की कवायद के बीच शनिवार शाम निरीक्षण करने निकले महापौर सुनील उनियाल गामा ने खुलेआम पॉलीथिन बिकती देखी। उनका पारा गरम हो गया और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने दुकानदारों को कपड़ों के थैले इस्तेमाल करने की सलाह दी। साथ ही बाजार में कपड़े के थैले भी बांटे।
महापौर गामा देर शाम नेहरू कालोनी स्थित धर्मपुर सब्जी मंडी में निरीक्षण को पहुंचे। उन्होंने देखा कि दुकानदार बेफिक्र होकर पॉलीथिन में सामान बेच रहे हैं व नगर नगम की प्रवर्तन टीम भी गायब थी। उन्होंने दुकानदारों से कहा कि प्रतिबंधित पॉलीथिन पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग चिंताजनक है।
उन्होंने फोन पर अधिकारियों को फटकार लगाई और पॉलीथिन के विरुद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्हें कपड़े के बैग का इस्तेमाल करने को भी कहा। महापौर ने इस दौरान समाजसेवी संजीव गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए पांच हजार कपड़े के थैले दुकानदारों और फड़-ठेली वालों को वितरित किए। इस दौरान संजीव वर्मा और अनिल डबराल आदि मौजूद रहे।
महापौर ने पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए शहर के दानदाताओं से आगे आने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी तभी लग सकती है जब दानदाता आगे आएं और आमजन को कपड़े के थैले प्रयोग करने को जागरूक करें। महापौर ने कहा कि जो भी दानदाता कपड़े के थैले वितरित करने में निगम की मदद करेगा, उसका पूरा ब्योरा रखा जाएगा और उनका सम्मान भी किया जाएगा।
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