समाजसेवक माता मंगला व श्रीमहंत देवेंद्र दास को डाक्टर आफ लेटर्स की मानद उपाधि से किया जाएगा अलंकृत
15 दिसंबर को दून विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षा समारोह आयोजित किया जाएगा। इसमें समाजसेवक माता मंगला व श्रीमहंत देवेंद्र दास को डी-लिट की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। साथ ही स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएंगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षा समारोह 15 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है। इसमें समाजसेवक माता मंगला व श्रीमहंत देवेंद्र दास को डाक्टर आफ लेटर्स (डी-लिट) की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। साथ ही वर्ष 2017 से 2020 तक के स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों को कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) की अध्यक्षता में उपाधियां प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। उन सभी शोध विद्यार्थियों को पीएचडी एवं एमफिल की उपाधि प्रदान की जाएगी, जिनकी मौखिक परीक्षा 30 नवंबर तक संपन्न हो चुकी है।
दून विवि की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक जनकल्याण के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए देश-दुनिया में उत्तराखंड को गौरवान्वित करने के लिए हंस फाउंडेशन की मुखिया माता मंगला एवं श्री गुरुराम राय दरबार के श्रीमहंत देवेंद्र दास को सम्मानित किया जा रहा है। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे।
विवि के कुलसचिव डा. मंगल सिंह मंदरवाल ने बताया कि उपाधि प्राप्त करने के लिए स्नातक व परास्नातक के विद्यार्थियों को विवि की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। समारोह का आयोजन आफलाइन व वर्चुअल दोनों मोड में किया जाएगा। ताकि देहरादून नगर से बाहर रहने वाले विद्यार्थी आनलाइन प्रतिभाग कर सकें। समारोह में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को एक दिन पहले यानी 14 दिसंबर को ड्रेस रिहर्सल में प्रतिभाग करना अनिवार्य है।
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कार्बोहाइड्रेट की उन्नति को नई तकनीक पर काम जरूरी
कार्बोहाइड्रेट की भूमिका व इसके तकनीकी विकास को लेकर वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। वर्चुअल मोड में आयोजित सम्मेलन में अमेरिका, जर्मनी, इंग्लैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल समेत विभिन्न देशों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
शनिवार को सम्मेलन एफआरआइ के रसायन एवं जैव पूर्वेक्षण प्रभाग व एसोसिएशन आफ कार्बोहाइड्रेट केमिस्ट एंड टेक्नोलाजिस्ट के तत्वावधान में शुरू हुआ। इस अवसर पर भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के महानिदेशक एएस रावत ने जीवन के विभिन्न आयाम में कार्बोहाइड्रेट की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि विशेषज्ञों को कार्बोहाइड्रेट की उन्नति के लिए नवीन तकनीक पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए खरपतवारों का उपयोग कर तकनीक विकसित करने की सलाह दी गई। कार्यक्रम में एफआरआइ के वरिष्ठ विज्ञानी डा. विनीत कुमार, डा. पीएल सोनी आदि उपस्थित रहे।