झंडा मेला: स्नान में इंद्रदेव तो आरोहण में सूर्यदेव हुए प्रकट
श्री झंडा साहिब के आरोहण में पहुंचे लाखों लोगों ने इस दिव्य शक्ति के दर्शन भी किए। हर वर्ष की भांति प्रात काल में जब श्री झंडा साहिब का स्नान शुरू हुआ तो इंद्रदेव भी उपस्थित हुए।
देहरादून, गौरव ममगाईं। श्री झंडा साहिब जी यूं ही लाखों लोगों की अटूट आस्था के प्रतीक नहीं हैं। सोमवार को श्री झंडा साहिब के आरोहण में पहुंचे लाखों लोगों ने इस दिव्य शक्ति के दर्शन भी किए। हर वर्ष की भांति प्रात: काल में जब श्री झंडा साहिब का स्नान शुरू हुआ तो इंद्रदेव भी उपस्थित हुए। संगतों के पंचगव्य से स्नान के बीच इंद्रदेव ने भी वर्षा की बूंदों से श्री झंडा साहिब को स्नान कराया। यह चमत्कार ही रहा कि सुबह से सूर्यदेव आसमान में छाए बादलों में छिपे रहे, लेकिन जैसे ही झंडा साहिब का आरोहण प्रारंभ हुआ तो सूर्यदेव भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने को प्रकट हो गए।
सुबह आठ बजे से श्री झंडा साहिब को संगतों ने पंचगव्य से स्नान कराना शुरू किया। करीब साढ़े नौ बजे अचानक बारिश शुरू हो गई। बूंदाबांदी के बीच श्री झंडा साहिब को स्नान कराया जाता रहा। वहीं, पूरे दिनभर आसमान में बादल छाए रहे।
इस बीच सूरज की एक भी किरण कहीं नजर नहीं आई, लेकिन दोपहर करीब ढाई बजे के बाद जैसे ही श्री झंडा साहिब का आरोहण शुरू होने लगा, उस समय सूरज भी बादलों के बीच से निकल आया। मानों सूर्यदेव दर्शन को प्रकट हुए हों। जैसे ही झंडा साहिब का आरोहण हो गया, वैसे ही आसमान से एक बार फिर बारिश की हल्की बौछारें गिरने लगी। आरोहण के अंत में भी इंद्रदेव ने उपस्थिति दर्ज कराई।
यह है मान्यता
श्री दरबार साहिब प्रबंधन समिति के व्यवस्थापक कैलाश चंद्र जुयाल ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि श्री झंडा साहिब के आरोहण के दिन बारिश अवश्य होती है। पूरे दिनभर मौसम कितना भी खराब क्यों न हो, सूर्यदेव भी दर्शन जरूर देते हैं।
बाज ने दिए दर्शन, परिक्रमा की
श्री झंडा साहिब के आरोहण में कई चमत्कार देखने को मिले। हर वर्ष की तरह श्री झंडा साहिब के आरोहण होने पर बाज ने दर्शन दिए। बाज अचानक झंडा जी के समीप पहुंचा और तीन परिक्रमा करने के बाद चला गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाने शुरू कर दिए। सैकड़ों श्रद्धालु ऐसे थे जो कि झंडा जी का आरोहण के अलावा बाज द्वारा परिक्रमा का अद्भुत नजारा देखने को पहुंचे थे। बाज के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने खुद को धन्य महसूस किया।
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