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आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों पर पड़ा भारी, पढ़िए पूरी खबर

आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों पर भारी पड़ गया। पटाखे फोड़ते समय असावधानी के चलते किसी का हाथ जल गया तो किसी का चेहरा झुलस गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 05:40 PM (IST)
आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों पर पड़ा भारी, पढ़िए पूरी खबर
आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों पर पड़ा भारी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। दीपावली में आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों पर भारी पड़ गया। पटाखे फोड़ते समय असावधानी के चलते किसी का हाथ जल गया, तो किसी का चेहरा झुलस गया। राजधानी के अस्पतालों में दीपावली की मध्य रात्रि तक पटाखों से झुलसने वाले कई लोग पहुंचे। इसके अलावा श्वास व त्वचा संबंधी समस्या के चलते भी कई लोगों को अस्पताल की शरण लेनी पड़ी। राहत की बात यह रही कि दीपावली के उल्लास में किसी बड़ी दुर्घटना ने खलल नहीं डाला। 

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पटाखे फोड़ने पर व्यक्ति जितना रोमांच महसूस करता है, ये उतना ही खतरनाक भी है। पटाखों के बारुदी धुएं में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। जिसमें श्वास व त्वचा संबंधी समस्या आम है। इसके अलावा पटाखों से झुलसने के मामले भी ज्यादा रहते हैं। दीपावली का यह स्याह पहलू इस बार भी सामने आया। दीपावली के दिन अस्पतालों की इमरजेंसी में मध्य रात्रि तक भीड़ रही। इनमें अधिकतर मामले पटाखों से झुलसने के हैं। दून व कोरोनेशन के अलावा शहर के कुछेक चुनिंदा प्राइवेट अस्पताल ही लें, तो यह संख्या 200 पार कर गई। सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आतिशबाजी के रोमांच ने लोगों को किस तरह का दर्द दिया है। बहरहाल राहत इस बात की रही कि इनमें गंभीर प्रकृति के बहुत कम मामले हैं। 

अनार और चरखी से ज्यादा झुलसे 

दीपावली पर झुलसे मरीजों में अधिकांश अनार और चरखी से झुलसे हैं। यह आंकड़ा कुल मरीजों का 90 प्रतिशत है। 

अस्थमा और दिल के मरीजों का बढ़ा मर्ज 

अतिशबाजी ने श्वास रोगियों का भी दम फुलाया। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय और निजी अस्पताल में ऐसे मरीजों की भी भीड़ रही। चिकित्सकों के अनुसार काफी संख्या में मरीज अस्थमा से पीडि़त आए। कई को भर्ती तक करना पड़ा। वहीं कई ऐसे थे, जिन्हें तेज आतिशबाजी की आवाज के बाद हृदय रोग की दिक्कत हुई। 

कहां कितने मामले 

दून अस्पताल 

बर्न-39 

दुर्घटना-20 

मारपीट-44 

श्वास रोग-20 

कोरोनेशन अस्पताल 

बर्न-39 

मारपीट-07 

दुर्घटना-12 

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. केके टम्टा ने बताया कि इमरजेंसी में हर विभाग के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई थी। दीपावली की रात आठ बजे से पटाखों से झुलसे लोगों का इमरजेंसी में आना शुरू हुआ। बर्न यूनिट यहां नहीं होने की वजह से 20 प्रतिशत से अधिक जले हुए लोगों को कोरोनेशन बर्न यूनिट या हायर सेंटर रेफर किया गया। 

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कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि बर्न यूनिट में 39 मरीजों को भर्ती कराया गया। इनमें से कोई आंशिक रूप से जला था, तो कोई 20 से 30 प्रतिशत। वहीं, श्वास रोगियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। झुलसे हुए लोगों को समुचित उपचार दिया गया, कई लोगों को भर्ती भी करना पड़ा है। 

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