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गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, इतने यात्रियों ने किए दर्शन

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा ने इसबार काफी सुखद अहसास कराया है। आपदा के बाद पटरी से उतरी चारधाम यात्रा में इस बार कुछ पटरी पर लौटी है

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 02:12 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 09:10 PM (IST)
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, इतने यात्रियों ने किए दर्शन
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, इतने यात्रियों ने किए दर्शन

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: आपदा के बाद से यह पहला सीजन है जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आस्था का सैलाब उमड़ा है। आपदा के बाद पटरी से उतरी चारधाम यात्रा में इस बार कुछ पटरी पर लौटी है। वर्ष 2013 की भीषण त्रासदी के बाद वर्ष 2014 की अपेक्षा इस बार गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में दस गुना अधिक का इजाफा हुआ है। इससे न सिर्फ धामों में रौनक लौटी बल्कि यहां के स्थानीय लोगों तथा व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक लौटी है तथा आने वाले यात्राकाल में चारधाम यात्रा के बेहतर चलने की उम्मीद लोगों में जगी है। 

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छह माह ग्रीष्मकालीन यात्रा के बाद अब शीतकाल के लिए विश्व प्रसिद्ध उत्तरकाखंड के चारधामों के कपाट बंद होने वाले हैं। इसमें अनकूट पर्व पर 8 नवंबर को 12.30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे तथा भैयादूज के पावन पर्व पर 9 नवंबर 1.30 को यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

इसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास तथा यमुना के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) तथा मां यमुना के दर्शन खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। लेकिन, इस यात्रा ने व्यवसायियों को सुखद एहसास कराया है। वर्ष 2013 में आई भीषण आपदा के बाद चारधाम यात्रा पटरी से उतर गई थी तथा यात्रियों के गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम रही थी। जिससे यात्रा पर निर्भर लोगों सहित व्यवसायियों व व्यापारियों को खासा नुकसान भुगतना पड़ा।

वर्ष 2014 में जहां गंगोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग 45 हजार रही, जबकि यमुनोत्री धाम 38 हजार तीर्थयात्री ही पहुंच पाए थे। इस बार ग्रीष्मकालीन यात्राकाल में अब तक गंगोत्री धाम 4.77 लाख तथा यमुनोत्री धाम 3.93 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। जो आपदा के बाद वर्ष 2014 के यात्रियों की संख्या में मुकाबले करीब दस गुना अधिक है। जो भविष्य में चारधाम यात्रा के लिहाज से एक अच्छा संकेत है। इस बार सड़क मार्गों के दुरुस्त होने से भी गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए काफी सुखद यात्रा के रूप में रही है। 

होटल व्यवसायी दीपेंद्र पंवार कहते हैं कि आपदा के बाद जिस तरह चारधाम यात्रा के कम होने से लोगों में निराशा हुई थी। वह इस बार की यात्रा ने लोगों में काफी आशा जगी है और आने वाले समय में और भी बेहतर यात्रा चलने की उम्मीद है। 

गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया गंगोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में आपदा के बाद इस बार पिछले सालों की अपेक्षा अच्छी रही है तथा जिस तरह इस बार यात्रा ने रफ्तार पकड़ी, उससे आने वाले समय में चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में अच्छा इजाफा हो सकता है। 

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