Move to Jagran APP

चारधाम के कपाट शीतकाल के लिए इन तिथियों में होंगे बंद, जानिए

उत्‍तराखंड में स्थित चारधाम बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि तय हो गई हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 01:54 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 09:00 PM (IST)
चारधाम के कपाट शीतकाल के लिए इन तिथियों में होंगे बंद, जानिए
चारधाम के कपाट शीतकाल के लिए इन तिथियों में होंगे बंद, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: देवभूमि में स्थित चारधाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि तय हो गई हैं। केदारनाथ धाम के कपाट नौ नवंबर, बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नंवबर को, गंगोत्री धाम के कपाट 8 नवंबर और यमुनोत्री धाम के कपाट नौ नवंबर को बंद किए जाएंगे।  

loksabha election banner

केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए नौ नवंबर को होंगे बंद

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर नौ नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। केदारनाथ में नौ नवंबर को सुबह चार बजे भगवान को भोग लगाने के साथ समाधि पूजा होगी और ठीक साढ़े आठ बजे मुख्य कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि इसके लिए मंदिर समिति के कर्मचारी तैयारियों में जुट गए हैं।

बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को होंगे बंद

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट बंद 20 नवंबर को तीसरे पहर 3 बजकर 21 मिनट बंद होंगे। 16 नवंबर से कपाट बंद होनी की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाएं होंगी। शनिवार को मंदिर में मुख्य प्रांगण में बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावलजी और धर्माधिकारी व वेदपाठीयो ने बदरीनाथ की कपाट बंद की पंचांग गणना की इसके बाद बदरीनाथ के कपाट बंद करने के शुभ दिनों को देखा गया, जिसमें से 20 नवंबर को उत्तम दिन बताते हुए धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने रावलजी से तिथि पर चर्चा की। इसके बाद 20 नवंबर तीसरे पहर 3 बजकर 21 मिनट पर कपाट बंद करने को सुनिश्चित किया गया।

गंगोत्री के कपाट शुभ मुहूर्त पर आठ नवंबर को होंगे बंद

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्रीधाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट 8 नवंबर को दोपहर 12.30 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। 

नौ नवंबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है। यमुनोत्री धाम के कपाट 9 नवंबर को 12.15 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) तथा मां यमुना के दर्शन उनके मायके व शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे।

मदमहेश्वर के 22 नवंम्बर एवं तुंगनाथ के 29 अक्टूबर होंगे कपाट बंद 

भगवान द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर एवं तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 29 अक्टूबर को शीतकाल के बंद करने की घोषणा की गई, जबकि विश्वप्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट भैयादूज यानी 9 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद तीनों केदारों की पूजा अर्चना शीतकालीन गददीस्थल में होगी। 

विजयदशमी पर्व के अवसर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्य, वेदपाठी, ब्राह्मण, हकहकूधारी एवं मंदिर समिति के कर्मचारियों की मौजूदगी में लगभग दस बजे पंचाग गणना के अनुसार तीन केदारों के कपाट बंद होने की तिथि तय की गई। प्रथम केदार भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक रीति रिवाजों के अनुसार भैयादूज यानी 9 नवंबर ठीक साढ़े आठ बजे आगामी शीतकाल के छह माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद प्रथम दिन भगवान की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए रामपुर, 10 नवंबर को रामपुर से प्रस्थान कर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 11 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।

द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर को साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान की उत्सव डोली पहले दिन रात्रि विश्राम के लिए गौडार पहुंचेगी। 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया एवं 25 नवंबर को शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। वहीं मार्केडेय मंदिर मक्कूमठ में वेदपाठी, आचार्य एवं हक हकूकधारियों ने पंचाग गणना के अनुसार तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तय की। भगवान तुंगनाथ के कपाट 29 अक्टूबर को सवा दस बजे शीतकाल के लिए बंद होगे। कपाट बंद होने के बाद इसी दिन डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेगी। 30 को भनकुन एवं 31 अक्टूबर को र्मार्केडेण्य मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी। तीनों केदारों के कपाट बंद होने के बाद पूजा अर्चना शीतकालीन गददीस्थलों में होगी। इस अवसर पर कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, आचार्य हर्ष जमलोकी, सत्यप्रसाद सेमवाल, बचन सिंह रावत, पुजारी बागेश लिंग, युद्धवीर पुष्पाण, देवी प्रसाद तिवारी, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, मठपति राम प्रसाद मैठाणी, विजयभारत मैठाणी, हरि बल्लभ मैठाणी, जीतपाल भंडारी, केवलानंद मैठाणी, दिलवर नेगी समेत कई लोग उपस्थित थे। 

अब तक 16.71 लाख यात्री कर चुके बदरी-केदार दर्शन

मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इस वर्ष अब तक 16 लाख 71 हजार 363 यात्री बदरी-केदार धाम पहुंच चुके हैं। बीते वर्ष यह संख्या 13 लाख 91 हजार 699 थी। बताया कि सोमवार तक नौ लाख 67 हजार 636 यात्री बदरीनाथ और सात लाख तीन हजार 727 यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। अभी कपाट बंद होने में काफी समय बचा है।

यह भी पढ़ें: यहां 150 साल की हुई रामलीला, तालाब में होता है लंका दहन; जानिए

यह भी पढ़ें: यूनेस्को की धरोहर पौड़ी की रामलीला, मुस्लिम-ईसाई समुदाय के लोग भी लेते हैं भाग

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में एक जनजाति नहीं मनाती थी दीवाली, पहली बार मनेगी नई दिवाली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.