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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले, बाहरी राज्यों के लोगों के लिए तीन दिन हो क्वारंटाइन अवधि

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बाहरी राज्यों से चारधाम यात्रा पर लोग तभी आएंगे जब क्वारंटाइन की अवधि कम होगी।

By Edited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 10:22 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले, बाहरी राज्यों के लोगों के लिए तीन दिन हो क्वारंटाइन अवधि
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले, बाहरी राज्यों के लोगों के लिए तीन दिन हो क्वारंटाइन अवधि

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बाहरी राज्यों से चारधाम यात्रा पर लोग तभी आएंगे, जब क्वारंटाइन की अवधि कम होगी। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि क्वारंटाइन अवधि तीन दिन की जाए। साथ ही होटल, कैफिटेरिया आदि के खुलने का समय मध्य रात 12 बजे तक किया जाए, ताकि लोगों को सहूलियत मिले। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा मास्क, सुरक्षित शारीरिक दूरी और सेनिटाइजेशन पर केंद्रित होगी।

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सुभाष रोड स्थित सरकारी आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में महाराज ने कहा कि राजस्थान, हिमाचल, गोवा राज्यों ने पर्यटन खोल दिया है। इसी कड़ी में राज्य में बाहरी राज्यों के लिए चारधाम यात्रा खोलने के मद्देनजर उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि बाहर से यात्री तभी आएंगे, जब क्वारंटाइन की अवधि सात दिन से घटाकर तीन दिन की जाएगी।

हर जगह की अपनी धारण क्षमता है और इसी हिसाब से यात्रियों को आने की इजाजत दी जा सकती है। इसमें सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क व सेनिटाइजेशन पर फोकस रहेगा। बदरीनाथ के मास्टर प्लान के अवलोकन में भी उनके द्वारा इन तीन बिंदुओं के साथ ही ग्लेशियर के खतरे का अध्ययन पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्थलों में धारण क्षमता बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं पर मुख्यमंत्री से बातचीत चल रही है। निर्णय मुख्यमंत्री को ही लेना है।

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दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं

भारत-नेपाल के संबंध में आई तल्खी से जुडे़ सवाल पर महाराज ने कहा कि नेपाल के लोग जानते हैं कि दोस्त बदल सकते हैं, मगर पड़ोसी नहीं। उन्होंने कहा कि नेपाल के सहयोग से भारत-नेपाल के बीच महत्वाकांक्षी पंचेश्वर बांध परियोजना बन रही है। इसमें 80 किमी की झील बनेगी। इससे नेपाल को फायदा होगा और भारत को भी। विकास के नए आयाम जुड़ेंगे और बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंचेश्वर बांध परियोजना दोनों देशों के संबंधों को सुधारने में भूमिका निभाएगी।

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