मनोकामना पूरी करती है मां संतला देवी
देहरादून से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है मां संतला देवी मंदिर। माना जाता है कि मां की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: मां संतला देवी मंदिर पूरे साल खुला रहता है। श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना करने के लिए कभी भी आ सकते हैं। लेकिन, खास बात ये है कि इस मंदिर में शनिवार और रविवार के दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है। माना जाता है कि शनिवार के दिन संतला देवी मंदिर के एक पत्थर की मूर्ति में परिवर्तित हो जाती है। इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार, 11वीं शताब्दी में नेपाल के राजा को पता चला कि उनकी पुत्री संतला देवी से एक मुगल सम्राट शादी करना चाहता है, तो तब संतला देवी नेपाल से पर्वतीय रास्तों से चलकर दून के पंजाबीवाला में एक पर्वत पर किला बनाकर निवास करने लगी। इस बात का पता चलने पर मुगलों ने किले पर हमला कर दिया। जब संतला देवी और उनके भाई को अहसास हुआ कि वह मुगलों से लड़ने में सक्षम नहीं है तो संतला देवी ने हथियार फेंककर, ईश्वर की प्रार्थना शुरू की। अचानक एक प्रकाश उन पर चमका और वे पत्थर की मूर्ति में तब्दील हो गईं। साथ ही किले पर आक्रमण करने आए सभी मुगल सैनिक उस चमक से अंधे हो गए। इसके बाद किले के स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया और तब से श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं।
इस तरह पहुंचे मंदिर
मां संतला देवी मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर देहरादून से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है। घंटाघर से गढ़ीकैंट होते हुए जैतूनवाला तक जाने वाली बस सेवा का लाभ उठाकर यात्री मंदिर तक पहुंच सकते हैं। जैतूनवाला से पंजाबीवाला दो किलोमीटर दूर है। पंजाबीवाला से यात्रियों को मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किमी की पैदल चढ़ाई चढऩी होती है।
महातम्य
माना जाता है 16वीं सदी में कुछ सैनिक यहां पूजा करने आते थे। उस समय एक अंग्रेजी अफसर के यहां कोई संतान नहीं थी। अपने सैनिकों से मंदिर के बारे में जानकारी के बाद उस अंग्रेज ने विधि विधान से मंदिर में पूजा की। इसके एक साल के भीतर वह एक बेटे के पिता बने। इसके बाद से मान्यता है कि यहां अधिकांश संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोग पूजा करने आते हैं।
महंत, (मां संतला देवी मंदिर) अनिल शर्मा का कहना है कि मंदिर में पूरे साल श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं। मां भक्तों की सभी मुरादों को पूरा करती हैं। नवरात्रों में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और हर दिन भीड़ रहती है।
प्रधान (हरियावाला खुर्द) नैन सिंह पंवार का कहना है कि मां संतला देवी के दर्शन करने वाला सौभाग्यशाली होता है। जिस ग्राम पंचायत क्षेत्र में मंदिर है, उसका मैं प्रधान भी हूं। समूचे क्षेत्र की मां में गहरी आस्था है।
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