बीरपुर पुल हादसा: मुआवजा, नौकरी और मुकदमे को सड़क पर जाम
बीरपुर पुल हादसे में दो लोगों की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई, मृतकों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर आक्रोशित स्थानीय लोगों ने गढ़ी चौक पर जाम लगाया।
देहरादून, जेएनएन। बीरपुर पुल हादसे में दो लोगों की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई, मृतकों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर आक्रोशित स्थानीय लोग शनिवार को कैंट कोतवाली पहुंच गए। यहां जब पुलिस ने कहा कि वह जांच के बाद ही कार्रवाई करेगी तो गुस्साए लोग गढ़ी चौक पर आ गए और अवरोधक रखकर जाम लगा दिया। सूचना पर सीओ मसूरी बीएस चौहान मौके पर पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद एसडीएम प्रत्यूष सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस पर लोगों का गुस्सा शांत हुआ। जाम के चलते करीब दो घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा।
बता दें, शुक्रवार तड़के कैंट क्षेत्र स्थित 115 साल पुराना बीरपुर पुल टूट गया था। हादसे में अलग-अलग बाइक सवार धन बहादुर थापा (54) पुत्र आरएस थापा निवासी बाणगंगा, बीरपुर घघोड़ा व प्रेम थापा (40) पुत्र तारा थापा निवासी नागेश्वर रोड, डाकरा बाजार की मौत हो गई थी। जबकि डंपर चालक जुल्फान व परिचालक शाहरुख निवासी ढकरानी घायल हो गए थे। हादसे में दो लोगों की मौत और पचास के करीब गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित होने के चलते शनिवार दोपहर स्थानीय लोग कैंट चौराहे पर पहुंच गए।
सड़क जाम करने से पहले सभी कैंट कोतवाली पहुंचे और इंस्पेक्टर अरुण कुमार सैनी से मामले में सेना पर मुकदमा दर्ज करने को कहा। पुलिस ने कहा कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती और यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि हादसे का जिम्मेदार कौन है, वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। हालांकि पुलिस ने उनसे तहरीर देने को कहा, लेकिन तुरंत मुकदमा न लिखे जाने से नाराज लोग बिना तहरीर दिए गढ़ी चौक पहुंच गए।
यहां अवरोधक रखकर जाम लगा दिया और खुद भी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस की सूचना पर सीओ मसूरी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोग सीएम, विधायक या फिर डीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। इसकी सूचना जब प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई तो एसडीएम प्रत्यूष सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाया कि वह उनकी मांग को उच्चाधिकारियों और सरकार तक पहुंचाएंगे।
इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने अवरोधक हटाकर जाम खोल दिया। प्रदर्शन करने वालों में माखनलाल बुड़ाकोटी, सीके जोशी, अनिल कुमार मोटे, पीके रजोरी, योगेश, पुनीत, अधिवक्ता प्रवीन कुमार गुप्ता, मधुसूदन शर्मा, गुरुपाल सिंह सौंधी, पवन जोशी, सीमा शाही, रवि, मनीष आदि मौजूद रहे।
बीरपुर में पुरानी जगह पर बनेगा नया पुल
ब्रिटिशकाल में बने करीब 115 साल पुराने बीरपुर पुल के अचानक टूट जाने के बाद नए पुल के निर्माण की योजना में तब्दीली संभव नजर आ रही है। इस तरह की कवायद की जा रही है कि नया पुल पुरानी जगह पर बनाया जाए। इसको लेकर लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जगमोहन सिंह चौहान ने सब एरिया मुख्यालय में सेना के अधिकारियों से मुलाकात की।
शनिवार को सब एरिया में डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर एचएस जग्गी व कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन से हुई मुलाकात में अधिशासी अभियंता चौहान ने आग्रह किया कि नया पुल पुरानी जगह पर बनाया जाना अधिक बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि पुराना पुल क्षतिग्रस्त नहीं होता तो उसके बगल में नए पुल निर्माण की योजना सही रहती। क्योंकि निर्माण के दौरान लोगों के पास यहां से आवाजाही का विकल्प रहता।
हालांकि इसके टूट जाने के बाद यहां से आवाजाही ठप हो गई है। ऐसे में यदि इसी स्थल पर नया पुल बनाया जाए तो काम और सुगम हो जाएगी। क्योंकि पुरानी जगह पर सड़क पहले से बनी होने के कारण एप्रोच रोड बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे निर्माण को लक्ष्य से दो माह पहले पूरा किया जा सकेगा।
हालांकि, पुल का एबटमेंट (पुल को जोड़ने वाली दीवार) दोबारा बनानी होगी। क्योंकि मौजूदा एबटमेंट कितना मजबूत है, इसका अंदाजा नहीं है। लोनिवि के आग्रह को गंभीरता से सुनने के बाद ब्रिगेडियर जग्गी ने कहा कि सोमवार तक वह इस पर स्थिति स्पष्ट कर देंगे।
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