त्रिस्तरीय निकाय चुनाव: चुनावी जंग में आधी आबादी को भरपूर तवज्जो
नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए दोनों ही प्रमुख सियासी दलों से अब तक जारी की गई प्रत्याशियों की सूची इसकी तस्दीक करती है।
देहरादून, [केदार दत्त]: त्रिस्तरीय निकाय चुनाव के लिए मैदान सजने लगा है और इस 'जंग' में आधी आबादी को पूरी तवज्जो दी गई है। नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए दोनों ही प्रमुख सियासी दलों, भाजपा एवं कांग्रेस की ओर से अब तक जारी की गई प्रत्याशियों की सूची इसकी तस्दीक करती है।
भाजपा ने जहां निकाय प्रमुखों के पदों पर 38 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, वहीं कांग्रेस ने 31 महिला प्रत्याशी। यही नहीं, पार्षद और सभासद-सदस्य पदों पर भी सियासी दलों ने अच्छी-खासी संख्या में महिलाओं पर भरोसा जताया है। 'छोटी सरकार' कहे जाने वाले 92 में से 84 नगर निकायों में वर्तमान में चुनाव हो रहे हैं। इनमें सात नगर निगम, 39 नगर पालिका परिषद और 38 नगर पंचायत शामिल हैं।
इनमें नगर प्रमुखों के आरक्षण को देखें तो नगर निगमों में महापौर के तीन और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के 13-13 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इससे कहीं आगे बढ़कर सियासी दलों भाजपा व कांग्रेस ने नगर प्रमुखों की कुर्सी के लिए महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। नगर प्रमुखों के लिए भाजपा ने अभी तक 78 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें 38 महिलाएं हैं। इसी प्रकार कांग्रेस की ओर से जारी 79 उम्मीदवारों की सूची में 31 महिला प्रत्याशी हैं। शेष निकायों के लिए जारी होने वाली सूची में भी महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ सकती है। महिला प्रत्याशियों को तवज्जो दिए जाने को सूबे की सियासत में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के रूप में भी देखा जा रहा है।
आधी आबादी की भूमिका
अहम निकाय चुनाव की जंग में महिला महारथी तो मोर्चा संभालेंगी ही, महिला मतदाता भी एक प्रकार से मोर्चे पर रहेंगी। 84 नगर प्रमुख (महापौर, नपा व नपं अध्यक्ष) और 1064 पार्षद-सभासद पदों के निर्वाचन में महिला मतदाता मुख्य भूमिका में रहने वाली हैं। निकायों की मतदाता सूची इसकी तस्दीक करती है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक निकायों में महिला मतदाताओं की संख्या 1148027 है, जबकि पुरुष मतदाता 1209813 हैं। ऊधमसिंहनगर और पिथौरागढ़ जिलों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है, जबकि बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, रुद्रप्रयाग जिलों में महिला व पुरुष मतदाताओं की संख्या में बेहद कम अंतर है।
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