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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सबसे बड़ा टेंडर खुला, इन कंपनियों ने लिया हिस्सा

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में बनने जा रही देश की सबसे लंबी (14.500 किमी) रेल टनल के निर्माण के लिए चार प्रतिष्ठित कंपनियां आगे आई हैं। पूरी परियोजना में यह पैकेज-4 सबसे बड़े बजट 3653 करोड़ रुपये की लागत का पैकेज है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:25 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:25 AM (IST)
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सबसे बड़ा टेंडर खुला, इन कंपनियों ने लिया हिस्सा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सबसे बड़ा टेंडर खुला।

ऋषिकेश, जेएनएन। बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में बनने जा रही देश की सबसे लंबी (14.500 किमी) रेल टनल के निर्माण के लिए चार प्रतिष्ठित कंपनियां आगे आई हैं। पूरी परियोजना में यह पैकेज-4 सबसे बड़े बजट 3653 करोड़ रुपये की लागत का पैकेज है, जिसमें देवप्रयाग और जनासू रेलवे स्टेशनों के निर्माण के साथ देश की सबसे लंबी रेल टनल का निर्माण किया जाना है।

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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस परियोजना को कुल दस पैकेज में बांटा गया है। जिसमें पैकेज-1ए का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, जबकि अन्य नौ पैकेज में से आठ पैकेज में टेंडरिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही निर्माण कार्य भी शुरू हो चुके हैं। परियोजना के सबसे बड़े बजट के पैकेज-4 के लिए रेल विकास निगम ने टेंडर आमंत्रित किए थे।

इस टेंडर की टेक्निकल बिड मंगलवार को खोली गयी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि टेक्निकल बिड में में देश की चार प्रतिष्ठित कंपनियों हिस्सा लिया है, जिसमें एफकोन्स इंफ्राटेक, एनएंडटी, मेघा इंजीनियरिंग और गुलेरमक इंडिया शामिल है। उन्होंने बताया कि जल्द ही तकनीकी परीक्षण के पश्चात फाइनेंशल बिड की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

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ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना के पैकेज-4 में देवप्रयाग के सौड़ और पौड़ी के जनासू में रेलवे स्टेशन का निर्माण होना है। जबकि सौड़ से जनासू तक परियोजना की सबसे अधिक 14.500 किमी. लंबी टनल का निर्माण भी इस पैकेज में शामिल है। उन्होंने बताया कि अभी तक लंबी दूरी की टनलों के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली तीन एडिट टनलों का निर्माण पूरा कर दिया गया है। इसके साथ ही शिवपुरी, व्यासी आदि स्थानों पर मुख्य टनल के निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है।

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