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उत्तराखंड में अब कृष्ण सर्किट बनाने की तैयारी, जोड़ा जाएगा श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को

उत्तराखंड में अब कृष्ण सर्किट बनाने की तैयारी है। इसके तहत राज्य में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को जोड़ा जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 05:31 PM (IST)
उत्तराखंड में अब कृष्ण सर्किट बनाने की तैयारी, जोड़ा जाएगा श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को
उत्तराखंड में अब कृष्ण सर्किट बनाने की तैयारी, जोड़ा जाएगा श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को

देहरादून, राज्य ब्यूरो। देवभूमि उत्तराखंड में अब 'कृष्ण सर्किट' बनाने की तैयारी है। इसके तहत राज्य में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को जोड़ा जाएगा। पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार इस संबंध में गंभीरता से विचार चल रहा है। जल्द ही मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य में रामायण सर्किट की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। 

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पर्यटन और संस्कृति मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े कई क्षेत्र उत्तराखंड में हैं। रुद्रप्रयाग के चंद्रापुरी तक श्रीकृष्ण के पहुंचने का उल्लेख मिलता है। बाणासुर से युद्ध करने भी श्रीकृष्ण उत्तराखंड आए थे। इस सबको देखते हुए राज्य में कृष्ण सर्किट बनाने की दिशा में गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों की जानकारी लेकर उन्हें इस नए सर्किट से जोड़ा जाएगा। 
उन्होंने कहा कि इसका मसौदा तैयार कर केंद्र को भेजा जाएगा, जिससे इसे प्रसाद या किसी अन्य योजना में शामिल किया जा सके। महाराज ने बताया कि राज्य में रामायण सर्किट बनाने का निश्चय 2018 में किया गया था। इस कड़ी में अब इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। रामायण सर्किट में ऋषिकेश के भरत मंदिर, शत्रुघ्न मंदिर व देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर समेत अन्य क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
महाभारत सर्किट का घटेगा आकार 
महाराज ने कहा कि महाभारत सर्किट के तहत देहरादून के लाखामंडल से लेकर केदारनाथ तक का क्षेत्र शामिल करने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार ने इस सर्किट के लिए प्रसाद योजना में सैद्धांतिक सहमति दे दी है, लेकिन इसका आकार बड़ा बताया है। महाराज ने कहा कि यदि केंद्र चाहेगा तो इस सर्किट का आकार कुछ कम किया जाएगा।

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