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केरल के व्यापारी की हत्या, शव अस्पताल में छोड़ भागे दोस्त Dehradun News

देहरादून में केरल के व्यापारी की बेरहमी से हत्या करने के बाद चार युवक देर रात उसके शव को मैक्स अस्पताल में छोड़कर फरार हो गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 08:50 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 07:05 AM (IST)
केरल के व्यापारी की हत्या, शव अस्पताल में छोड़ भागे दोस्त Dehradun News
केरल के व्यापारी की हत्या, शव अस्पताल में छोड़ भागे दोस्त Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। केरल के व्यापारी की बेरहमी से हत्या करने के बाद चार युवक गुरुवार की देर रात उसके शव को मैक्स अस्पताल में छोड़कर फरार हो गए। व्यापारी के शरीर पर मिले घाव देखकर चिकित्सकों को आभास हो गया कि उसका बड़ी ही बेरहमी से कई दिन तक टार्चर किया गया है। तत्काल पुलिस को खबर दी गई। पुलिस मौके पर पहुंचती तब तक उसे अस्पताल लेकर आए युवक अपनी गाड़ी छोड़ फरार हो चुके थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के साथ अस्पताल के कैमरे से युवकों की फुटेज निकलवाई। इस फुटेज को शहर के थानों को सर्कुलेट करते हुए पूरे शहर में नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू कर दी गई। सूत्रों की मानें तो व्यापारी को अस्पताल लेकर आने वाले युवकों समेत चार को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अभी तक की जांच लेनदेन का ही विवाद ही निकल कर सामने आ रहा है, लेकिन एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि टीमों को केरल और दिल्ली रवाना कर दिया गया है। घटनाक्रम के बारे में कुछ जानकारी तो मिल गई है, लेकिन अभी कई बातों का पता लगाया जाना बाकी है। जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा। शकूर के क्रिप्टो करेंसी और बिट क्वाइन के कारोबार से जुड़े होने की जानकारी मिली है, लेकिन कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं, जांच की जा रही है।

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युवक की पहचान अब्दुल शकूर (35) पुत्र अब्दुल्ला निवासी मेलेपिडियेटेटियल हाउस, नार्थ पुलकित, डुलमांटहोल, मल्लपुरम थर्ड केरल के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि अब्दुल शकूर केरल में क्रिप्टो करेंसी और बिट क्वाइन में निवेश कराता है। अब तक जांच में सामने आया है कि शकूर समेत सात-आठ युवकों का ग्रुप अगस्त के पहले सप्ताह में देहरादून आया था। इन सभी ने प्रेमनगर में डाल्फिन इंस्टीट्यूट के पास मांडूवाला में एक कमरा किराए पर लिया। गुरुवार रात 11.20 बजे चार युवक क्रेटा गाड़ी से अब्दुल शकूर को लेकर मैक्स अस्पताल पहुंचे। युवकों ने शकूर को सहारा देकर गाड़ी से बाहर निकाला और उसे टांग कर इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। युवकों ने अस्पताल के स्टॉफ को बताया कि इसका कुछ युवकों से झगड़ा हो गया था, जिसमें इसे काफी चोटें आई हैं।

स्टॉफ ने चिकित्सकों को बुलाया और शकूर का परीक्षण करना शुरू कर दिया। इस बीच सभी युवक मोबाइल पर बात करते-करते अस्पताल से बाहर निकल गए। परीक्षण के बाद जब चिकित्सकों ने पाया युवक की मौत हो चुकी है तो उसके साथ युवकों को बुलाने की कोशिश की। किसी के न मिलने पर अस्पताल कर्मियों को मामला संदिग्ध लगा और तुरंत पुलिस को जानकारी दी। एसएसपी अरुण मोहन जोशी, एसपी सिटी श्वेता चौबे और राजपुर थाने की पुलिस मैक्स पहुंच गई। गेट पर तैनात गार्ड और पार्किंग स्टैंड के स्टॉफ से पूछताछ की गई तो पता चला कि युवक क्रेटा गाड़ी से आए थे। क्रेटा गाड़ी का किसी तरह से लॉक खोला गया तो उसमें से एक रजिस्टर मिला। रजिस्टर पर युवक की फोटो लगी थी और पूरा पता भी लिखा हुआ था। इस पर पुलिस ने केरल की मल्लपुरम जिले की पुलिस से संपर्क किया। सुबह के समय के केरल पुलिस ने शकूर के घर वालों से बात कराई। उन्होंने पुलिस को शकूर और उसके दोस्तों के साथ देहरादून जाने के संबंध में कई जानकारी साझा की।

क्रिप्टो करेंसी से भी जुड़ा हो सकता है मामला

अब्दुल शकूर की हत्या में प्रथमदृष्टया लेनदेन का विवाद सामने आ रहा है। वहीं, सूत्रों की मानें तो शकूर क्रिप्टो करेंसी और बिट क्वाइन में काफी निवेश कर रखा था और कई और लोगों के भी निवेश करा रखा था। क्रेटा गाड़ी से मिले रजिस्टर में इससे जुड़ी कई अहम बातें भी पता चली हैं, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। ऐसे में अभी कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

शरीर के घाव बयां कर रहे थे हैवानियत

शकूर के शव को देखने के बाद चिकित्सक भी हैरान रह गए थे। शकूर के पूरे बदन गहरी चोटों के घाव बने थे। दाहिने हाथ की कलाई कटी हुई थी। दोनों पैर की जांघें सूजी हुई थीं। पीठ पर भी चोट के कई निशान थे। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि शव को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे कई दिन से प्रताड़ि‍त किया जा रहा था।

तो हत्या के ही इरादे से आए थे दून

शकूर और उसके दोस्तों का अचानक देहरादून आना और शहर से दूर कमरा किराए पर लेना और वहां आसपास के लोगों से बिल्कुल भी मेलजोल न रखना भी घटना और शकूर के दोस्तों के इरादे को संदिग्ध बना रहा है। माना जा रहा है कि शकूर को षडयंत्र के तहत देहरादून लाया गया और यहां उसकी हत्या कर दी गई।

..तो शकूर की मौत से हजारों को लगा करोड़ों का झटका

केरल के व्यापारी अब्दुल शकूर की हत्या की गुत्थी सुलझने के साथ ही कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। क्रिप्टो करेंसी बिट क्वाइन में निवेश का शकूर मास्टरमाइंड माना जाता था। सूत्रों से पता चला है कि शकूर के देशभर में सत्तर से अस्सी हजार ऐसे क्लाइंट हैं, जिन्होंने उसके शकूर के जरिये करोड़ों का निवेश कर रखा है। इसमें कई बड़े और हाई प्रोफाइल शख्सियतें भी शामिल हो सकती हैं। वहीं, शकूर के ग्राहकों की अच्छी खासी संख्या विदेशी नागरिकों की है। पुलिस कई लोगों को हिरासत में लेकर शकूर और उसके दोस्तों की कुंडली खंगालने में जुटी है।

शकूर की हत्या की कड़ी क्रिप्टो करेंसी से जुड़ने की जानकारी मिलते ही एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने गुरुवार की देर रात मैक्स अस्पताल में ही सर्विलांस टीम, तकनीकी एक्सपर्ट के साथ पुलिस अधिकारियों को ब्रीफ किया। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई और कुछ टीमों को तत्काल गैर प्रांतों के लिए रवाना भी कर दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो मैक्स अस्पताल में क्रेटा गाड़ी से मिले रजिस्टर में क्रिप्टो करेंसी के बारे में कई सारी बातें लिखी हुई हैं। माना जा रहा है कि शकूर की हत्या के पीछे क्रिप्टो करेंसी ही कहीं न कहीं बड़ा कारण हो सकती है।

फिल्मी सितारे व नेता भी हो सकते हैं ग्राहक

शकूर की हाई प्रोफाइल से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि कई फिल्मी सितारे और दक्षिण भारत के बड़े नेताओं से लेकर वहां के बड़े कारोबारियों तक उसके ग्राहक हैं। यही वजह है शकूर को अस्पताल पहुंचाने वालों से लेकर उसके साथ दून आए युवकों में से कई को हिरासत में लेने के बाद भी पुलिस अभी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है।

क्रिप्टो करेंसी बिट क्वाइन

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर प्रोग्राम पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी सरकार या संस्था के नियंत्रण में नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह इसका संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने में किया जा सकता है।

दस साल पहले शुरू हुई थी क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, तब इसे बिट क्वाइन नाम दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में वैसे तो कई क्रिप्टो करेंसी अभी भी चलन में है, लेकिन बिट क्वाइन अभी भी सबसे चर्चित है। भारत में क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से बैन है। शुरूआत में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, मगर धीरे-धीरे इसकी मांग इतनी बढ़ गई कि वर्तमान में एक बिटक्वाइन की कीमत सात से आठ लाख रुपये तक पहुंच गई है।

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पड़ोसियों के लिए बयान

पुलिस ने गुरुवार को मांडूवाला में शकूर के पड़ोसियों और उसके मकान मालिक के भी बयान दर्ज किए। सभी ने पुलिस को बताया कि यह लोग कम ही घर से बाहर आते थे। अधिकतर रात के समय निकलते थे। यह सभी अपनी भाषा में बात करते थे, ऐसे में यह भी पता नहीं चल सका है कि वह क्या करते थे। 

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